रणजी ट्रॉफी फाइनल में दिल्ली को पहुंचाने वाले नवदीप सैनी के मसीहा है, गौतम गंभीर
अद्यतन - दिसम्बर 20, 2017 9:10 अपराह्न
जीवन में पैसा कमाने से ज्यादा उस पैसे को सही तरीके से खर्च करना एक समझदार व्यक्ति की पहचान है. और आज हम आपको एक ऐसे ही क्रिकेटर के बारे में बताने जा रहे हैं जो की क्रिकेट की दुनिया में नाम और शोहरत कमाने के साथ-साथ अपने मेहनत के पैसे को क्रिकेट के युवा खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने के लिए और लाचार लोगों की मदद करने के लिए हमेशा ख़र्च करते रहते हैं.
हम बात कर रहे हैं भारतीय क्रिकेट के खिलाड़ी गौतम गंभीर की गौतम गंभीर ने कश्मीर में आतंकी हमले और छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले में शहीद जवान के बच्चों की शिक्षा के खर्च उठाने का फैसला लिया था. जिसके बाद उनकी तारीफ और चर्चा भी खूब हुई. गौतम गंभीर क्रिकेट के युवा खिलाड़ियों पर भी ज्यादा ध्यान देते हैं और उनकी मदद करने से पीछे नहीं हटते हैं. रणजी ट्रॉफी के सेमीफाइनल में दिल्ली की बंगाल के खिलाफ पारी की जीत में अहम रोल निभाने वाले गेंदबाज नवदीप सैनी ने अपनी सफलता का पूरा श्रेय गौतम गंभीर को दिया है.
नवदीप ने गौतम गंभीर की तारीफ करते हुए बताया की. ‘ आज मैं जो भी कुछ हूं क्रिकेट की दुनिया में गौतम भैया के बदौलत हूं, दिल्ली के तेज गेंदबाज नवदीप सैनी कहते हैं. ‘मेरी जिंदगी और सफलता पूर्व भारतीय ओपनर गौतम गंभीर को समर्पित है, मैं अपनी यह जिंदगी और कामयाबी गौतम गंभीर को समर्पित करता हूं मैं तो कुछ नहीं था और गौतम भैया ने मेरे लिए सब कुछ किया, मैं दक्षिण अफ्रीका जाने को लेकर खुश था लेकिन मैंने गौतम भैया से पूछा तो उन्होंने कहा कि दिल्ली को अभी सेमीफाइनल में तुम्हारी जरूरत है. और अगर तुम अच्छा प्रदर्शन करते हो तो तुम खुद ही भारतीय ड्रेसिंग रूम में पहुंच जाओगे. मैंने उनकी बातों पर दोबारा विचार नहीं किया. सैनी ने अपने जिंदगी और गेंदबाजी पर चर्चा की. 2013-14 में प्रत्येक मैच के लिए सैनी को 200 रुपए मिलते थे. दिल्ली के पूर्व क्रिकेटर सुमित नारवाल ने गौतम गंभीर को सैनी के बारे में बताया था. नारवाल ने टेनिस बॉल टूर्नामेंट में सैनी को यॉर्कर फेंकते हुए देखा था. जिसके बाद गंभीर से सैनी को नेट पर आजमाने को कहा. नेट पर सैनी को आजमाने के बाद गंभीर ने सैनी को दिल्ली के टीम में शामिल करने के लिए डीडीसीए के उपाध्यक्ष चेतन चौहान के साथ बहस भी की थी.
सैनी ने बताया दिल्ली की टीम से डीडीसीए अधिकारियों ने उन्हें बाहर करने के लिए पर्चे तक बांटे, लेकिन गौतम भैया और आशीष भैया और मिथुन मन्हास ने मेरा साथ दिया. उन्होंने कहा कि जो कुछ हो रहा है उससे मुझे चिंतित नहीं होना चाहिए हम उसे देख लेंगे तुम केवल गेंदबाजी करो. सैनी ने कहा शुरुआती दिन काफी मुश्किल भरे थे लेकिन अब इसमें कुछ बदलाव आ गया है.