MS Dhoni ने मुझे जो दिया उसके लिए मैं जीवन भर उनका ऋणी रहूंगा: रविचंद्रन अश्विन
धोनी की ही कप्तानी में अश्विन ने टेस्ट डेब्यू किया था
अद्यतन - मार्च 17, 2024 12:47 अपराह्न
भारतीय क्रिकेट टीम के अनुभवी स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने पूर्व भारतीय कप्तान और फिनिशिंग मास्टर कहे जाने वाले एमएस धोनी (MS Dhoni) को लेकर बड़ा बयान दिया है। अश्विन ने कहा है कि मुझे जो धोनी ने दिया है, मैं उसके लिए उनका जिंदगी भर ऋणी रहूंगा।
गौरतलब है कि साल 2010 में टीम इंडिया के लिए अपने डेब्यू से पहले अश्विन चेन्नई सुपर किंग्स में एक लोकल स्पिनर के तौर पर जुड़े थे, लेकिन टीम में मुथैया मुरलीधरन जैसे स्पिनर के होने की वजह से उन्हें उस सीजन खेलने का मौका नहीं मिला।
तो वहीं साल 2009 में उन्हें खेलने का मौका, लेकिन वे लाइमलाइट में तब आए जब साल 2011 के आईपीएल फाइनल में धोनी ने राॅयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ उन्हें पावरप्ले का पहला ओवर थमाया। अश्विन ने इसके बाद कमाल की गेंदबाजी करते हुए पहले ओवर की चौथी गेंद पर क्रिस गेल का महत्वपूर्ण विकेट निकाला।
इस सीजन में अश्विन द्वारा कमाल का प्रदर्शन करने के बाद, उन्हें सीधे तौर पर टीम इंडिया में मिल गई। वेस्टइंडीज के खिलाफ दिल्ली में अश्विन ने धोनी की कप्तानी में टेस्ट डेब्यू किया। तो वहीं अपने पहले ही मैच में शानदार गेंदबाजी करने के चलते उन्होंने प्लेयर ऑफ द मैच के अवाॅर्ड को अपने नाम किया।
धोनी को लेकर अश्विन को लेकर दिया बड़ा बयान
गौरतलब है कि हाल में अश्विन ने टेस्ट क्रिकेट में 500 विकेट के आंकड़े को छूआ था। तो वहीं इस मौके पर जब अश्विन को तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन ने सम्मानित किया तो उन्होंने इस दौरान कहा-
मैं 2008 के दौरान सभी महान खिलाड़ियों (सीएसके ड्रेसिंग रूम में) से मिला। मैं आईपीएल 2008 में बाहर बैठा था, मैं तब कुछ भी नहीं था और आप उस टीम में कहां खेल सकते हो, जिसमें मुथैया मुरनीधरन जैसे स्पिनर हो।
लेकिन धोनी ने मुझे जो दिया, उसके लिए मैं उनका जिंदगी भर ऋणी रहूंगा। उन्होंने मुझे नई गेंद से क्रिस गेल को गेंदबाजी करने का मौका दिया और 17 साल बाद अनिल (कुंबले) भाई उसी एपिसोड के बारे में बात कर रहे हैं। मैं सच में यहां आकर विनम्र और आभारी महसूस कर रहा हूं।
अश्विन ने आगे कहा- अनिल भाई और राहुल भाई ने मुझे शाॅट में समझाया कि तुमसे बहस में जीतना कठिन है। मुझे लगता है यह सच है क्योंकि मेरा मानना है कि तर्क उत्कृष्टता के सबसे महान मार्गों में से एक है। वाद-विवाद कभी भी आदमी के साथ नहीं होता है। यह हमेशा एक सीख के साथ आता है, जो अंत में आती है।