मैं काफी भावुक था क्योंकि मुझे एक समय लगा था कि मैं फिर से मुंबई के लिए नहीं खेल पाउंगा - सरफराज खान - क्रिकट्रैकर हिंदी

मैं काफी भावुक था क्योंकि मुझे एक समय लगा था कि मैं फिर से मुंबई के लिए नहीं खेल पाउंगा – सरफराज खान

मेरा सपना था कि मैं रणजी ट्रॉफी में मुंबई की टीम से खेलते हुए शतक लगा पाने में कामयाब हो सकूं।

Sarfaraz Khan in Ranji trophy (Photo Source: Twitter)
Sarfaraz Khan in Ranji trophy (Photo Source: Twitter)

मुंबई की टीम से घरेलू क्रिकेट में खेलते हुए दाएं के बल्लेबाज सरफराज खान ने इस रणजी सीजन में शानदार प्रदर्शन करते हुए सभी का ध्यान अपनी तरफ खीचने का काम किया है। सरफराज खान के बल्ले से इस सीजन में 982 रन 9 पारियों में देखने को मिले जिससे टीम ने फाइनल तक का सफर तय किया था। इसी को लेकर सरफराज ने हाल में ही खुलासा किया कि वह उस समय काफी भावुक हो गए थे, जब उन्हें मुंबई की टीम में फिर चुना गया।

क्योंकि उन्हें एक समय ऐसा लगा था कि वह फिर से घरेलू क्रिकेट में मुंबई की टीम से नहीं खेल पायेंगे। इसके अलावा सरफराज ने यह भी कहा कि घरेलू क्रिकेट में उनका सपना था कि वह मुंबई की टीम से खेलते हुए शतक लगा सके। जिसमें सरफराज ने रणजी के फाइनल मुकाबले में भी मध्य प्रदेश के खिलाफ शानदार शतकीय पारी खेली थी। हालांकि उनकी टीम को बाद में इस मैच में हार का सामना करना पड़ा था।

सरफराज खान ने स्पोर्ट्सकीड़ा के साथ बात करते हुए कहा कि, जब मैं मुंबई से उत्तर प्रदेश के लिए निकला था तो उस समय तक मैने अंडर-14, अंडर-16, अंडर-19, अंडर-25 खेलने के अलावा मुंबई के लिए रणजी में भी खेला था।

मेरे फोटो न्यूज पेपर में भी आए यह भी मैं चाहता था – सरफराज

रणजी ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में मुंबई की टीम ने सरफराज खान के 134 और यशस्वी जायसवाल के 78 रनों की बदौलत मध्य प्रदेश के खिलाफ पहले पारी में शानदार 374 रन बनाए थे। लेकिन इसके बाद मध्य प्रदेश की तरफ से शानदार बल्लेबाजी देखने को मिली जिसमें यश दुबे, शुभम शर्मा और रजत पाटीदार की तरफ से बेहतरीन बल्लेबाजी देखने को मिली जिसके दम पर टीम 536 रन बनाने में कामयाब हो सकी।

मुंबई की टीम से फिर से रणजी खेलने में खेलने पर सरफराज खान ने कहा कि, जब मैं अपने बैग को अलग कर रहा था तो उस समय मुझे लगा कि अब दुबारा मुंबई के लिए खेलने का मौका नहीं मिलेगा। लेकिन जब मैने मुंबई के लिए रणजी में शतक लगाया तो उस समय काफी भावुक हो गया था। इसके अलावा मैं यह भी चाहता था कि एक दिन न्यूज पेपर में मेरी फोटो आए जिसमें मैं अपना हेलमट निकालते हुए अपने शतक का आनंद ले रहा हूं।

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