जय शाह ने अब लेटर लिख कर दी ईशान किशन को चेतावनी, कहा- रणजी ट्रॉफी नहीं खेलने पर…..
ईशान किशन ने इस सीजन नहीं खेला एक भी रणजी ट्रॉफी का मैच।
अद्यतन - Feb 17, 2024 11:32 am

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के सचिव जय शाह ने शुक्रवार को टॉप क्रिकेटरों – केंद्रीय अनुबंधित और साथ ही भारत ए के लिए खेलने वाले प्लेयर्स को पत्र लिखकर चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि घरेलू क्रिकेट राष्ट्रीय टीम में चयन के लिए “महत्वपूर्ण मानदंड” बना हुआ है और जो क्रिकेटर घरेलू क्रिकेट में हिस्सा नहीं लेगा उन्हें इसका गंभीर परिणाम भुगतना पड़ेगा।
बीसीसीआई ने अपने लेटर में कहा है कि घरेलू रेड-बॉल क्रिकेट पर आईपीएल को प्राथमिकता देने वाले खिलाड़ियों के लिए चिंता की बात है। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, जय शाह ने लेटर में लिखा, “हाल ही में एक ट्रेंड सामने आया है और यह चिंता का कारण है। कुछ प्लेयर्स ने घरेलू क्रिकेट पर IPL को प्राथमिकता देना शुरू कर दिया है, एक ऐसा बदलाव जिसकी उम्मीद नहीं थी। घरेलू क्रिकेट हमेशा वह आधार रहा है जिस पर भारतीय क्रिकेट खड़ा है और खेल के प्रति हमारे दृष्टिकोण में इसे कभी भी कम महत्व नहीं दिया गया है।”
घरेलू क्रिकेट भारतीय क्रिकेट की रीढ़ है- जय शाह
उन्होंने यह भी कहा कि “घरेलू क्रिकेट भारतीय क्रिकेट की रीढ़ है और टीम इंडिया के लिए फीडर लाइन के रूप में कार्य करता है। भारतीय क्रिकेट के लिए हमारा दृष्टिकोण शुरू से ही स्पष्ट रहा है। भारत के लिए खेलने के इच्छुक प्रत्येक क्रिकेटर को घरेलू क्रिकेट में खुद को साबित करना होगा। घरेलू क्रिकेट में प्रदर्शन चयन के लिए एक महत्वपूर्ण पैमाना बना हुआ है और घरेलू क्रिकेट में भाग ना लेने पर इसके गंभीर प्रभाव होंगे।”
जय शाह ने इस पत्र में ये भी कहा है कि घरेलू क्रिकेट में अगर ऐसा होगा तो ये बोर्ड के लिए भी चिंता की बात होगी। शाह ने माना है कि आईपीएल बोर्ड के लिए एक धरोहर है, लेकिन खिलाड़ियों को अगर भारतीय टीम में खेलना है तो उनको घरेलू फर्स्ट क्लास क्रिकेट को प्राथमिकता देनी चाहिए। ईशान किशन ही नहीं, बल्कि सभी खिलाड़ियों के लिए ये चेतावनी है। दीपक चाहर भी आईपीएल की तैयारियों में जुट गए हैं।
बीसीसीआई सचिव जय शाह ने महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर का उदाहरण देते हुए लिखा, “सुनील गावस्कर जैसे दिग्गजों ने अंतरराष्ट्रीय दौरे से आने वाली सुबह क्लब क्रिकेट खेलकर इस समर्पण का उदाहरण दिया। घरेलू क्रिकेट को सिर्फ एक प्रतिबद्धता के रूप में नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी और गर्व के स्रोत के रूप में देखा जाता था।” जय शाह ने राजकोट में ही खिलाड़ियों को कह दिया था कि उनके बहाने बर्दाश्त नहीं होंगे।