बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी हुई खत्म लेकिन नहीं थम रहा पिच को लेकर विवाद, एक बार फिर दो दिग्गजों के बीच छिड़ी बहस - क्रिकट्रैकर हिंदी

बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी हुई खत्म लेकिन नहीं थम रहा पिच को लेकर विवाद, एक बार फिर दो दिग्गजों के बीच छिड़ी बहस

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चौथा टेस्ट मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ है।

Sunil Gavaskar Mathew Hayden (Photo Source: Twitter)
Sunil Gavaskar Mathew Hayden (Photo Source: Twitter)

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हाल ही में समाप्त हुई बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज में  पिच को लेकर बहुत ज्यादा चर्चा हुई हैं। इस सीरीज का तीसरा टेस्ट मैच इंदौर के होल्कर स्टेडियम में खेला गया। ICC ने इंदौर की पिच को खराब बताते हुए तीन डिमेरिट पाइंट भी दिए थे।

उसी को ध्यान में रखते हुए सीरीज के आखिरी मुकाबले के लिए बल्लेबाजों के अनुकूल पिच बनाई गई थी। जहां दोनों ही टीमों ने धुआंधार बल्लेबाजी की। लेकिन अंत में टेस्ट मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ। चौथे टेस्ट मैच के बाद भी सुनील गावस्कर और मैथ्यू हेडन पिच को लेकर वाद-विवाद करते हुए नजर आए।

टेस्ट तीन दिन में खत्म नहीं होने चाहिए- सुनील गावस्कर

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहले तीन टेस्ट मैच तीन दिन के अंदर खत्म हुए थे। चौथा टेस्ट मैच दोनों टीमों के बीच पांच दिन तक खेला गया लेकिन दोनों टीमें अपनी दूसरी पारी पूरी नहीं कर पाई। चौथे टेस्ट के खत्म होने के बाद सुनील गावस्कर ने कमेंट्री करते हुए कहा, ‘ईमानदारी से देखें तो चौथे दिन के आखिरी सत्र में क्या हुआ?

सुनील गावस्कर ने आगे कहा, दोनों टीमों की पहली पारी भी पूरी नहीं हुई। तो जो लोग पहले के तीन टेस्ट में पिचों के बारे में बात कर रहे थे कि पिच कैसी हैं। हां खेल 3 दिन में खत्म नहीं होने चाहिए। लेकिन क्या आप टेस्ट क्रिकेट के लिए यही चाहते हैं? जहां चौथे दिन टीमों की पहली पारी भी न पूरी हुई हो।’

मैथ्यू हेडन ने किया गावस्कर पर पलटवार

अहमदाबाद टेस्ट के बाद सुनील गावस्कर की बातों को सुनकर मैथ्यू हेडन बिल्कुल भी खुश नजर नहीं आए। मैथ्यू हेडन ने कमेंट्री करते हुए गावस्कर की बातों का खंडन करते हुए कहा, ‘मुझे नहीं समझ आ रहा कि सनी (सुनील गावस्कर) क्या कहना चाहते हैं।’

हेडन ने आगे कहा, ‘अहमदाबाद का विकेट पूरी तरह अलग है। मेरा सभी विकेटों पर सामान्य दृष्टिकोण है इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कहां खेला जाता है। परिणाम आना चाहिए क्योंकि यह टेस्ट क्रिकेट के लिए जरूरी है। लेकिन साथ ही फैंस पर भी नजर डालें। मुझे वह टेस्ट मैच पसंद है जो पांचवे दिन तक जाएं। तीन दिन और चार दिन के खेल को टेस्ट क्रिकेट नहीं कह सकते है। उसे कुछ और ही कहना होगा।’

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