भारत के पास कोहली, रोहित और धोनी जैसे धुआंधार खिलाड़ी थे लेकिन उसके बावजूद हमने उन्हें चैंपियंस ट्रॉफी में मात दी: सरफराज ने दिया हैरान कर देने वाला बयान
किसी को उम्मीद नहीं थी कि पाकिस्तान भारत को चैंपियंस ट्रॉफी 2017 के फाइनल में हरा देगा लेकिन सरफराज अहमद की कप्तानी में टीम ने इस मैच में भारत की एक ना चलने दी।
अद्यतन - मार्च 30, 2023 4:18 अपराह्न
चैंपियंस ट्रॉफी 2017 के फाइनल में पाकिस्तान ने भारत को जबरदस्त मात दी थी। पाकिस्तान की ओर से सभी खिलाड़ियों ने इस महत्वपूर्ण मुकाबले में शानदार प्रदर्शन किया था और अपनी टीम के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
किसी को उम्मीद नहीं थी कि पाकिस्तान भारत को चैंपियंस ट्रॉफी 2017 के फाइनल में हरा देगा लेकिन सरफराज अहमद की कप्तानी में टीम ने इस मैच में भारत की एक ना चलने दी। आज इस बात को लगभग 6 साल हो गए हैं और पाकिस्तान क्रिकेट में काफी बदलाव देखने को मिला है। सरफराज अब टीम के कप्तान नहीं है और टेस्ट क्रिकेट में पाकिस्तान का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा है। बाबर आजम भी इस समय अपने सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में नहीं है।
हाल ही में अनुभवी बल्लेबाज सरफराज अहमद ने चैंपियंस ट्रॉफी 2017 को लेकर बड़ा खुलासा किया। उन्होंने द नादिर अली पॉडकास्ट में कहा कि, ‘चैंपियंस ट्रॉफी की जीत अभी भी एक यादगार लम्हा है। यह एक ऐसी चीज है जिसको मैं कभी नहीं भूल पाऊंगा। भारत के खिलाफ फाइनल जीतना सच में बहुत बड़ी बात है। अगर यह कोई आम मुकाबला होता तो यह काफी बड़ी बात ना होती। हमने पहले भी भारत के खिलाफ मुकाबले जीते हैं, फिर चाहे वो ICC इवेंट हो या द्विपक्षीय सीरीज। लेकिन ऐसी टीम के खिलाफ जीतना जो किसी भी टोटल को चेज कर सके सच में कमाल की बात थी।’
भारत के पास सभी बड़े खिलाड़ी मौजूद थे: सरफराज अहमद
सरफराज अहमद ने कहा कि, ‘उनके लिए कोई भी लक्ष्य बड़ा नहीं था। भारत के पास एमएस धोनी, रोहित शर्मा, शिखर धवन, युवराज सिंह, विराट कोहली सब धुआंधार बल्लेबाज थे, वहीं हमारे कई ऐसे खिलाड़ी थे जिनके दूध के दांत भी नहीं टूटे थे। हमारे पास बच्चे थे जो अब पाकिस्तान क्रिकेट में ऊंचाइयों में खेल रहे हैं। बाबर आजम, शादाब खान, हसन अली, फहीम अशरफ सब युवा खिलाड़ी थे।
अगर आप दोनों टीमों की तुलना करेंगे तो दोनों में कोई फर्क नहीं था। हमारे पास दो अनुभवी खिलाड़ी मौजूद थे- मोहम्मद हफीज और शोएब मलिक। बाकी खिलाड़ी काफी युवा थे।’
सरफराज ने आगे कहा कि, ‘ जब मैं कप्तान के रूप में अपना पहला मुकाबला खेल रहा था तो मुझे काफी दबाव महसूस हो रहा था। मुझे नहीं पता था कि मुझे क्या-क्या झेलना पड़ सकता है। कप्तान को बाकी खिलाड़ियों से काफी कुछ अलग हटकर सोचना पड़ता है। जब हम फाइनल में पहुंचे तो मैंने सब से यही कहा कि, ‘जिस तरीके से हमने खेला है वो पाकिस्तान क्रिकेट में बहुत ही कम देखने को मिलता है। अगर आज हम अपना शत-प्रतिशत देते हैं तो यह मैच हम जीत सकते हैं।’