क्या केवल पाटा विकेटों पर ही भारतीय बल्लेबाज शेर हैं? - क्रिकट्रैकर हिंदी

क्या केवल पाटा विकेटों पर ही भारतीय बल्लेबाज शेर हैं?

Indian team. (Photo by Hannah Peters/Getty Images)
Indian team. (Photo by Hannah Peters/Getty Images)

जिस भारतीय टीम के बल्लेबाजों की प्रशंसा में कसीदे काढ़े जा रहे थे वही टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ चौथे वनडे में घुटनों पर आ गई। मात्र 92 रनों पर पूरी टीम तंबू में लौट गई और करारी शिकस्त झेलना पड़ी।

अचानक भारतीय बल्लेबाजी को जंग कैसे लग गया? क्या कप्तान विराट कोहली के टीम में न होने से सभी को सांप सूंघ गया या फिर धोनी के न रहने से खिलाड़ियों में आत्मबल ही नहीं रहा?

ये कारण भी हो सकते हैं, लेकिन मूल कारण है पिच का। सेडॉन पार्क की तेज पिच न्यूजीलैंड ने मेहमानों के लिए बिछा दी और उनका काम आसान हो गया। ट्रेंट बोल्ट ने भारतीय टीम के सारे नट कस दिए। उनकी स्विंग लेती तेज गेंदों का भारतीयों के पास जवाब नहीं था।

न्यूजीलैंड वाले अफसोस कर रहे होंगे कि उन्होंने शुरुआती तीन वनडे में क्यों इस तरह की पिचों पर टीम इंडिया नहीं खिलाया? पहले तीन वनडे में उन्होंने पाटा विकेट चुने और उस पर भारतीय बल्लेबाजों को कोई परेशानी नहीं हुई। इस तरह के पिचों पर तो वे खेलना खूब जानते हैं। न्यूजीलैंड के गेंदबाजों का कोई असर उन पर नहीं हुआ। लेकिन जैसे ही तेज पिच उन्हें मिली उनकी पारी का आकार सिकुड़ गया।

दरअसल दुनिया भर में वनडे क्रिकेट के लिए पाटा विकेट बनने लगे हैं। दर्शकों को आकर्षित करने के लिए चौके-छक्के लगना जरूरी है। सपाट विकेटों के साथ बाउंड्री भी छोटी कर दी जाती है, जैसा कि हाल ही में भारतीय टीम के इंग्लैंड दौरे पर हमने देखा था। इंग्लैंड में अब आसानी से तीन सौ, सवा तीन सौ रन बन जाते हैं, लेकिन टेस्ट मैच में विकेट अलग ही रंग दिखाती है।

न्यूजीलैंड में भी इस तरह के विकेट तैयार किए जो भारतीयों के लिए मुफीद थे। जब विकेट ने अपना रंग दिखाया तो भारतीय बल्लेबाजों के होश उड़ गए। इस तरह के विकेट पर कोहली जैसा बल्लेबाज चाहिए था जो उपलब्ध नहीं था। धोनी जैसा चतुर दिमाग वाला चाहिए था जो बल्लेबाजों को उपयोगी टिप्स देता, लेकिन वो भी टीम से बाहर था।

भारतीय टीम के बल्लेबाज इस कमजोरी पर जितनी जल्दी काबू पा लें, उतना ही अच्‍छा है।

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