भारत की इस महिला क्रिकेटर को नही मिला 5 महीने से वेतन, एक और मुसीबत आई सामने
अद्यतन - जनवरी 21, 2018 12:49 पूर्वाह्न

क्रिकेट एक ऐसा खेल है जिसमें खिलाड़ी का प्रदर्शन उसकी जिंदगी में नया मोड़ लाता है और रात तो रात वो दुनिया का सितारा बन जाता है. लेकिन भारतीय टीम की एक महिला खिलाड़ी का साथ उसके बेहतर प्रदर्शन ने भी नही दिया. और महिला क्रिकेटर को पिछले 5 महीनों से उसका वेतन नहीं दिया गया है साथ ही अब उसके DSP बनने में भी अड़चनें पैदा हो गई है.
भारतीय महिला क्रिकेट के खिलाड़ी हरमनप्रीत कौर एक ऐसा नाम जिसने साल 2017 के महिला वर्ल्ड कप में अपने बल्लेबाजी के बदौलत भारत को फाइनल में पहुचाया था. हरमनप्रीत कौर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 171 रन की पारी खेलकर भारत को फाइनल तक पहुंचा दिया था. लेकिन अब इस महिला क्रिकेटर के साथ जो हो रहा है वह सोच से परे हैं. हरमनप्रीत कौर रेलवे की नौकरी छोड़ डीएसपी के पद पर पदस्थपित होना चाहती है मगर रेलवे उन्हें अनुमति नही दी जा रही है.
हरमनप्रीत कौर को पिछले 5 महीने से रेलवे से तनख्वाह नही मिल रही है और वो रेलवे की नौकरी को छोड़ डीएसपी का पदभार ग्रहण करना चाहती है. सरकार ने हरमनप्रीत कौर के परफॉर्मेंस को देखते हुए उन्हें DSP बनाने का फैसला लिया था. और हरमनप्रीत कौर DSP बनना भी चाहती है लेकिन रेलवे में अड़ंगा लगा दिया है. रेलवे का कहना है कि हरमनप्रीत कौर ने 5 साल का अनुबंध भरा था और उन्हें वह 5 साल पूरा करना पड़ेगा. लेकिन हरमनप्रीत कौर के रेलवे में नौकरी के बाद 3 साल ही हुए हैं.
पंजाब सरकार ने भी केंद्र सरकार को लिखा पत्र:
हरमनप्रीत कौर के मसले पर पंजाब सरकार ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को भी पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने आग्रह किया है की वो प्राइवेट नौकरी के लिए रेलवे की नौकरी नहीं छोड़ना चाहती बल्कि वो केंद्र से राज सरकार की नौकरी में आना चाहती है जो उनके भविष्य के लिए बेहतर होगा. वही दूसरी ओर हरमनप्रीत कौर का कहना है कि रेलवे नौकरी छोड़ने के एवज में 27 लाख का डिमांड कर रही है क्योंकि उनके बांड के हिसाब से 2 साल की नौकरी बची हुई है.
वही हरमनप्रीत कौर का कहना है रेलवे पिछले 5 महीनों से वर्ल्ड कप की वजह से उन्हें सैलरी भी नहीं दे रहा. लेकिन रेलवे स्पोर्ट्स बोर्ड के सेक्रेटरी रेखा यादव की माने तो हरमनप्रीत कौर फिलहाल बिग बैश लीग टूर्नामेंट के लिए छुट्टी पर है. जो एक प्राइवेट टूर्नामेंट है और हमने इसके लिए उन्हें एनओसी भी दिया है और वो विशेष आकस्मिक छुट्टी पर है ऐसे में उन्हें सैलरी देने का सवाल ही नहीं उठता.