IPL इतिहास के वह 5 मौके जब एक बल्लेबाज खुद को रिटायर्ड आउट करके टीम के हित को आगे रख सकता था - 5 का पृष्ठ 2 - क्रिकट्रैकर हिंदी

IPL इतिहास के वह 5 मौके जब एक बल्लेबाज खुद को रिटायर्ड आउट करके टीम के हित को आगे रख सकता था

इसमें ऐसे कुछ मैचों का जिक्र किया गया है, जहां बल्लेबाज खुद को रिटायर्ड आउट करके अपनी टीम के लिए बेहतर फैसला ले सकता था।

2 – जेपी डुमिनी : 63 गेंदों में 59 रन, आईपीएल (IPL) 2009 मुंबई इंडियंस (MI) बनाम किंग्स इलेवन पंजाब (KXIP)

JP Duminy. (Photo by Duif du Toit/Gallo Images/Getty Images)
JP Duminy. (Photo by Duif du Toit/Gallo Images/Getty Images)

जेपी डुमिनी अपने क्रिकेट करियर के दौरान अपनी क्लीन स्ट्राइकिंग क्षमताओं के लिए जाने जाते थे। सीमित ओवरों के फॉर्मेट में एक शानदार प्रदर्शनकर्ता थे। वह एक प्रतिभाशाली ऑलराउंडर थे जो खेल के हर पहलू में योगदान दे सकते थे।

हालांकि, वह 2009 में संघर्ष कर रही मुंबई इंडियंस के स्क्वाड का हिस्सा थे। भले ही इसमें कुछ बड़े नाम थे, लेकिन योजनाओं के एग्जिक्यूशन में यह टीम विफल रही। पंजाब के खिलाफ, एक लीग गेम में, मुंबई इंडियंस (MI) ने उन्हें 119 रनों पर रोक कर बहुत अच्छा प्रदर्शन किया।

लेकिन पंजाब के गेंदबाजों की योजना कुछ और थी। डुमिनी की बदौलत मुंबई 20 ओवर में सिर्फ 116 रन पर सिमट गई। यह दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाज द्वारा एक खराब खेल था। ड्वेन ब्रावो, अभिषेक नायर और सौरभ तिवारी अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे, डुमिनी रिटायर्ड आउट हो सकते थे और अन्य बल्लेबाजों को मौका देकर टीम की मदद कर सकते थे।

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