ईशान किशन ने बोर्ड के नोटिस के बावजूद छोड़ा रणजी ट्रॉफी का मैच

फिर से ईशान किशन ने लिया BCCI से पंगा, बोर्ड एक साल के लिए करेगा बैन

दो दिन पहले राजकोट में बीसीसीआई सचिव जय शाह ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि सभी खिलाड़ियों को रणजी खेलना ही होगा।

Hardik Pandya and Ishan Kishan. (Image Source: BCCI)
Hardik Pandya and Ishan Kishan. (Image Source: BCCI)

टीम इंडिया के युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ईशान किशन लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। भारतीय क्रिकेट टीम से बाहर चल रहे ईशान पर बोर्ड की वार्निंग का भी कोई असर नहीं हुआ है। इस बल्लेबाज का रणजी ट्रॉफी में नहीं खेलना जारी रही क्योंकि झारखंड के लिए घरेलू क्रिकेट खेलने वाले विकेटकीपर-बल्लेबाज ने शुक्रवार को शुरू हुए अंतिम राउंड के मैच को भी स्किप कर दिया।

कुछ दिनों पहले मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया था कि,  बीसीसीआई के सीनियर अधिकारी ने किशन को 16 फरवरी से जमशेदपुर में राजस्थान के खिलाफ होने वाले झारखंड के अंतिम लीग मैच में खेलने का निर्देश दे चुके थे। लेकिन फिर भी उन्होंने मैच नहीं खेला और ऐसे में ईशान किशन का यह बर्ताव शायद ही बोर्ड को रास आए।

 बोर्ड के नोटिस के बावजूद ईशान किशन ने नहीं खेला रणजी मैच

कुछ दिनों पहले बीसीसीआई सचिव जय शाह ने सौराष्ट्र क्रिकेट स्टेडियम के नाम में हुए बदलाव के दौरान कार्यक्रम साफ कहा था कि बोर्ड से केंद्रीय अनुबंध प्राप्त खिलाड़ियों को घरेलू सर्किट में खेलना ही होगा। जय शाह ने कहा था,”प्लेयर्स को फोन पर पहले ही बता दिया गया है और मैं उन्हें पत्र भी लिखने वाला हूं कि अगर सेलेक्टर्स के चेयरमैन, कोच और कप्तान आपसे ये चाहते हैं, तो आपको रेड-बॉल क्रिकेट खेलनी ही होगी।”

किशन की अनुपस्थिति में कुमार कुशाग्र झारखंड के लिए विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। झारखंड, जिसके अब तक छह मैचों में केवल एक जीत और दस अंक हैं, घरेलू मैदान पर राजस्थान से रणजी मैच रहा है। किशन, जिन्होंने भारत के दक्षिण अफ्रीका दौरे के बीच में ब्रेक मांगा था, वो अपने नए मुंबई इंडियंस कप्तान हार्दिक पंड्या के साथ बड़ौदा में ट्रेनिंग कर रहे हैं।

ईशान किशन के अलावा विभिन्न स्थानों पर शुरू हुए अंतिम दौर के मैचों में दीपक चाहर और श्रेयस अय्यर भी शामिल नहीं हैं। हालांकि, अय्यर को पीठ के निचले हिस्से और कमर में समस्या थी। इन तीन खिलाड़ियों – किशन, चाहर और अय्यर – को खासकर फर्स्ट क्लास क्रिकेट में अपनी-अपनी स्टेट टीम के लिए खेलने के लिए कहा गया था।

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