‘तीनों फॉर्मेट में भारत के लिए खेलना मेरा सपना है’, कुमार कुशाग्र ने भविष्य की योजनाओं पर खुलकर बात की
कुमार कुशाग्र ने कहा सभी प्रारूपों का खिलाड़ी बनना आसान नहीं है, खासकर भारत में।
अद्यतन - जनवरी 21, 2024 3:04 अपराह्न

झारखंड के 19 वर्षीय क्रिकेटर कुमार कुशाग्र (Kumar Kushagra) ने भारत ए की टीम में शामिल होने के बाद सुर्खियां बटोरी हैं। पालम एयर फोर्स ग्राउंड में चल रहे रणजी ट्रॉफी 2024 सीजन में सर्विसेज के खिलाफ उन्होंने जोरदार पारी खेलते हुए शतक लगाया है। कुशाग्र ने 218 गेंदों में 132 रन बनाए।
जब कुशाग्र (Kumar Kushagra) कप्तान विराट सिंह का साथ देने के लिए क्रीज पर आए तो झारखंड ने महज 65 रन पर अपने चार विकेट गंवा दिए थे। ऐसे में दोनों ने पांचवें विकेट के लिए 171 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी करते हुए टीम को संभाला। विराट सिंह ने 108 रनों की अहम पारी खेली। दोनों की पारी की बदौलत झारखंड अपनी पहली पारी में 316 रन बनाने में कामयाब हुई।
दिल्ली में पड़ रही कड़ाके की ठंड के बीच कुशाग्र (Kumar Kushagra) ने खेल के बारे में बात करते हुए कहा, ठंड में दिल्ली में खेलना मुश्किल है। सीमिंग की स्थिति और हवा का प्रभाव और हम चार विकेट गंवा चुके थे। इसलिए, मेरा लक्ष्य वहां टिके रहना और बोर्ड पर रन बनाना था। यहां तक कि मेरी विराट भैया से भी यही बातचीत हुई थी कि हम साझेदारी कर सकते हैं और टीम को अच्छी स्थिति में ले जा सकते हैं। रन आते रहे और आख़िरकार हम लक्ष्य तक पहुच गए।
इंडिया ए के लिए चुना जाना मेरे लिए एक अच्छा अवसर है- Kumar Kushagra
उन्होंने यह शतक इंग्लैंड लायंस के खिलाफ आगामी खेलों के लिए इंडिया ए टीम में शामिल किए जाने के 24 घंटे के अंदर लगाया। युवा खिलाड़ी इस मौके को अपने सपने को साकार करने के अवसर के रूप में देख रहा है।
उन्होंने कहा, इंडिया ए के लिए चुना जाना मेरे लिए एक अच्छा अवसर है। मैं पिछले कुछ दिनों से रेड बॉल क्रिकेट खेल रहा हूं। हां मुझे आईपीएल अनुबंध मिल गया है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मैं लंबे प्रारूप पर फोकस नहीं करूंगा। इसलिए, यह एक बड़ा अवसर है और अगर मैं इसका सही तरीके से उपयोग कर सका, तो इससे मुझे देश के लिए खेलने के अपने सपने को पूरा करने में मदद मिलेगी।
19 वर्षीय खिलाड़ी ने यह भी कहा कि, सभी प्रारूपों का खिलाड़ी बनना आसान नहीं है, खासकर भारत में। कुछ खिलाड़ी किसी विशेष प्रारूप के विशेषज्ञ होते हैं, लेकिन सभी प्रारूपों का खिलाड़ी बनने के लिए अधिक प्रयास की जरूरत होती है। लेकिन मेरे लिए, तीनों प्रारूपों में भारत का प्रतिनिधित्व करना मेरा सपना है।
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