युवराज सिंह का कबूलनामा, कहा- कुंबले, सचिन के सामने अभी भी सोच समझकर बोलना पड़ता है - क्रिकट्रैकर हिंदी

युवराज सिंह का कबूलनामा, कहा- कुंबले, सचिन के सामने अभी भी सोच समझकर बोलना पड़ता है

युवराज सिंह ने 2000 में ICC चैंपियंस ट्रॉफी में अपना डेब्यू किया था।

Yuvraj Singh and Sachin Tendulkar
Yuvraj Singh and Sachin Tendulkar. (Photo by MUNIR UZ ZAMAN/AFP via Getty Images)

भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह ने कहा है कि वह टीम इंडिया कैंप में वरिष्ठ खिलाड़ियों की उपस्थिति से काफी भयभीत रहते थे। बता दें, युवराज सिंह ने 2000 में ICC चैंपियंस ट्रॉफी में अपना डेब्यू किया था। उस समय टीम में दिग्गज खिलाड़ी जैसे सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, अनिल कुंबले और सौरव गांगुली पहले से ही मौजूद थे।

युवराज सिंह मुंबई में वायकॉम18 स्पोर्ट्स के एक इवेंट में शामिल थे जिसमें दक्षिण अफ्रीका की नई फ्रेंचाइजी लीग SA-20 को लांच किया गया। युवराज के साथ उनके पुराने साथी अनिल कुंबले भी इस लांच में शामिल थे।

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक युवराज सिंह ने कहा कि, ‘ 20 साल हो गए लेकिन अभी भी मुझे कुछ भी बोलते हुए काफी सावधान रहना पड़ेगा क्योंकि मैं अनिल कुंबले के सामने खड़ा हूं। सच बताऊं तो यह काफी हैरान कर देने वाला था। जब भी सब लोग रूम में जाते थे तो वहां अनिल कुंबले, राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर और गांगुली मौजूद रहते थे।’

इंडियन प्रीमियर लीग ने युवा खिलाड़ियों को अधिक सहज बनाया है: युवराज सिंह

युवराज सिंह की माने तो इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) ने युवा खिलाड़ी और दिग्गज खिलाड़ियों के बीच के अंतर को बेहतर करने में काफी मदद की है।

युवराज सिंह ने आगे कहा कि, ‘ एक समय था जब यह युवा खिलाड़ी टीवी के सामने बैठकर अपने बचपन में इन खिलाड़ियों को खेलते हुए देखते थे और अब वही लोग इनके साथ ड्रेसिंग रूम शेयर कर रहे हैं। आपको पहले कोच को कहना पड़ता था कि मुझे दिग्गज खिलाड़ियों के बगल में ना बैठाइए। कोच कहते थे कि आप लोग टीम के साथी हैं इसलिए आपको उनके बगल में बैठना पड़ेगा। लेकिन IPL की वजह से युवा खिलाड़ी पहले से काफी ज्यादा सहज हो गए हैं।’

युवराज सिंह ने भारतीय टीम को कई मुकाबलों में जीत दिलाई है। 2007 टी-20 वर्ल्ड कप और 2011 वनडे वर्ल्ड कप में युवराज सिंह ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए भारतीय टीम को ट्रॉफी जिताने में अहम भूमिका निभाई थी। युवराज को दुनिया के बेहतरीन ऑलराउंडरों में गिना जाता है। बल्लेबाजी के साथ-साथ गेंदबाजी में भी उनका कोई जवाब नहीं था।

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