खेल रत्न पुरस्कार अब मेजर ध्यानचंद के नाम से जाना जाएगा
साल 1991-92 में हुई थी खेल रत्न पुरस्कार देने की शुरूआत।
अद्यतन - अगस्त 6, 2021 4:22 अपराह्न
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज खेल की दुनिया से जुड़ा बड़ा ऐलान किया है। पीएम मोदी ने राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदल दिया है, जिसके बाद अब यह मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार के नाम से जाना जाएगा।
ट्वीट के जरिए पीएम मोदी ने किया ऐलान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका ऐलान सोशल मीडिया के जरिए किया है। उन्होंने इसे लेकर एक ट्वीट किया और जनता के सामने इस बदलाव को रखा जिसके बाद यह खबर अब सोशल मीडिया पर तेजी से ट्रेंड कर रही है।
*पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा- इस पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार होगा।
*देशवासियों से मिले इस आग्रह के बाद बदला गया इसका नाम।
*पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में लोगों की भावनाओं को लेकर भी की बात।
यहां पढ़ें पुरस्कार से जुड़ा पीएम मोदी का वो ट्वीट
देश को गर्वित कर देने वाले पलों के बीच अनेक देशवासियों का ये आग्रह भी सामने आया है कि खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद जी को समर्पित किया जाए। लोगों की भावनाओं को देखते हुए, इसका नाम अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किया जा रहा है।
जय हिंद!
— Narendra Modi (@narendramodi) August 6, 2021
I have been getting many requests from citizens across India to name the Khel Ratna Award after Major Dhyan Chand. I thank them for their views.
Respecting their sentiment, the Khel Ratna Award will hereby be called the Major Dhyan Chand Khel Ratna Award!
Jai Hind! pic.twitter.com/zbStlMNHdq
— Narendra Modi (@narendramodi) August 6, 2021
यहां पढ़ें खेल रत्न का इतिहास
खेल रत्न खिलाड़ियों को दिए जाने वाला सबसे बड़ा सम्मान है, जिसके लिए हर साल खिलाड़ियों का नाम मांगा जाता है और फिर सभी खिलाड़ियों को यह सम्मान दिया जाता है।
*साल 1991-92 में हुई थी इस पुरस्कार की शुरुआत।
*पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर रखा गया था इसका नाम।
*पुरस्कार का उद्देश्य खिलाड़ियों को सराहना और खेल के बारे में जागरूकता फैलाना था।
एक नजर मेजर ध्यानचंद पर
मेजर ध्यानचंद को हॉकी का जादूगर कहा जाता है। वह जब-जब टीम इंडिया की जर्सी में हॉकी पकड़कर मैदान पर उतरे, तब-तब टीम ने सिर्फ जीत का स्वाद चखा। आज के समय में हर युवा खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद जैसा बनना चाहता है।
*29 अगस्त 1905 के दिन इलाहाबाद में हुआ था मेजर ध्यानचंद का जन्म।
*मेजर ध्यानचंद ओलम्पिक खेलों में भारत को दिला चुके हैं 3 गोल्ड मेडल।
*ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में लगी है मेजर ध्यानचंद की खास मूर्ति।