मयंक अग्रवाल, आपने ऐसा क्यों किया?
अद्यतन - जनवरी 3, 2019 9:22 पूर्वाह्न
सिडनी टेस्ट मैच शुरू हो चुका है। भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों ही टीमों के लिए यह मैच अति महत्वपूर्ण है। भारत यदि यह मैच जीत लेता है या ड्रॉ करा लेता है तो पहली बार ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरिज जीतने में कामयाब होगा। यह टीम इंडिया के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि होगी। साथ ही विराट कोहली की कप्तानी के खाते में एक महत्वपूर्ण बात जुड़ जाएगी। दूसरी ओर ऑस्ट्रेलिया को किसी भी हालत में यह मैच जीतना होगा।
सिडनी टेस्ट में भारतीय टीम ने दो परिवर्तन किए हैं। सिडनी का पिच स्पिनर्स को मदद करता है इसलिए भारतीय टीम में कुलदीप यादव को शामिल किया गया है। जबकि रोहित शर्मा की जगह एक बार फिर केएल राहुल को दी है। ऑस्ट्रेलिया ने भी दो परिवर्तन किए हैं। मिचेल मार्श और एरन फिंच की जगह मार्नस लैबुशांगे और पीटर हैंड्सकॉम्ब को दी गई है।
भारत ने टॉस जीत कर बल्लेबाजी चुनी। मयंक अग्रवाल और लोकेश राहुल पहले बल्लेबाजी के लिए उतरे। राहुल का खराब फॉर्म जारी है। मात्र 9 रन बना कर हेज़लवुड का शिकार बने। उस समय टीम का स्कोर मात्र दस रन था। मयंक और चेतेश्वर पुजारा ने इस स्थिति को बखूबी संभाला। दोनों ने 116 रनों की साझेदारी की। खासतौर पर अग्रवाल बेहतरीन खेल रहे थे। लग ही नहीं रहा था कि इस बंदे का दूसरा टेस्ट है। ऑस्ट्रेलिया के तेज और स्पिनर्स का सामना उन्होंने पूरे आत्मविश्वास के साथ किया।
नाथन के जाल में फंसे मयंक
नाथन लायन के सामने अग्रवाल को कुछ ज्यादा ही आक्रामक होकर खेल रहे थे। दो छक्के भी जमा दिए। मयंक अग्रवाल जब 77 रन बना कर खेल रहे थे तो लग रहा था कि वे पहली बार शतक जमाने में सफल रहेंगे। लेकिन अचानक एक खराब शॉट खेल कर उन्होंने अपनी अच्छी पारी पर पानी फेर दिया। लायन ने उनका आक्रामक रूख देख जाल बिछाया। लांग ऑन पर खिलाड़ी खड़ा कर दिया। एक अच्छी फ्लाइट फेंकी जिस पर मयंक ने छक्का जमाया और वे ओवर कांफिडेंस का शिकार हो गए।
मयंक भूल गए कि वे टेस्ट मैच खेल रहे हैं टी-20 नहीं। लायन अगली बार फिर फ्लाइट दी। इस बार गेंद को ज्यादा देर हवा में रखा और टप्पा थोड़ा पीछे खिलाया। मयंक जाल में फंस गए। वे आगे बढ़े और टप्पे पर पहुंचे बिना ही उन्होंने शॉट जमा दिया। शॉट लंबा जाने के बजाय ऊंचा चला गया। लांग ऑन पर खड़े शान मार्श ने कैच लपकने में कोई गलती नहीं की। मयंक ने 112 गेंदों का सामना किया। सात चौके और दो छक्के की सहायता से 77 रन बनाए। एक लंबी पारी वे खेल सकते थे, जिसका अंत खराब हो गया। अनुभवहीनता आड़े आ गई। मयंक अब तक तीन टेस्ट पारियों में 65 की औसत से 195 रन बना चुके हैं। वे सही मायनो में ऑस्ट्रेलिया दौरे की खोज हैं।