हरमनप्रीत कौर ने खेल मनोवैज्ञानिक को भारतीय महिला क्रिकेट टीम में शामिल करने की मांग की
भारतीय महिला क्रिकेट टीम इस समय सीमित ओवरों की सीरीज खेलने के लिए इंग्लैंड दौरे पर है।
अद्यतन - सितम्बर 10, 2022 3:03 अपराह्न
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने तंग शेड्यूलिंग से जुड़ी मानसिक थकान को दूर करने के लिए टीम में एक खेल मनोवैज्ञानिक होने के महत्व पर बात की है। साल 2020 में आई वैश्विक कोविड-19 महामारी के कारण खिलाड़ि को लगभग इस साल की शुरुआत तक बायो-बबल में रहना पड़ा और क्वारंटाइन से गुजरना पड़ा, जिसका खिलाड़ियों के मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
हालांकि, अब सारे प्रतिबंध हटा दिए गए हैं, लेकिन व्यस्त अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम खिलाड़ियों के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है। इस बीच, हरमनप्रीत कौर ने हर एक टूर्नामेंट या एक सीरीज के बाद खिलाड़ियों के लिए आराम करने के लिए समय उपलब्ध होने के महत्त्व पर बात की और साथ ही कहा कि यदि खिलाड़ी अपनी मानसिक थकान को सही से मैनेज नहीं करते हैं, तो इससे खिलाड़ियों का प्रदर्शन प्रभावित हो सकता है।
हरमनप्रीत कौर ने खेल मनोवैज्ञानिक को भारतीय टीम में शामिल करने की मांग की
हरमनप्रीत कौर ने ईएसपीएनक्रिकइंफो के हवाले से कहा: “आप हमेशा अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकते हैं, आपका प्रदर्शन ऊपर-नीचे हो सकता है, लेकिन इस स्थिति में आपको खुद पर जोर लगाने से बेहतर है कि आप ब्रेक लें। एक टीम के रूप में, हम उस खिलाड़ी की मदद करना चाहते हैं, और हम मानसिक थकान के कारण अपने खिलाड़ियों को ब्रेक लेने का सुझाव देने से बिल्कुल नहीं हिचकिचाते हैं, क्योंकि चीजें हमेशा वैसी नहीं होती हैं, जैसी आप चाहते हैं।
मैं पिछले साल लगातार क्रिकेट खेलते हुए मानसिक थकन से गुजर चुकी हूं। इस साल हमने राष्ट्रमंडल खेलो में हिस्सा लिया, जिसके बाद द हंड्रेड भी लाइन-उप था, लेकिन मैं ब्रेक लेना चाहती थी। लगातार क्रिकेट खेलने से आपको मानसिक तनाव या थकान होना वाजिब है, इसलिए मुझे लगता है कि खुद को धक्का देने के बजाय बल्कि एक ब्रेक लेना अच्छा उपाय होता है।”
हरमनप्रीत कौर ने अंत में कहा: “जब हम न्यूजीलैंड दौरे पर थे, तो बावरे ने हमारी बहुत मदद की थी। मुझे उम्मीद है कि भविष्य में भी वह हमारे साथ आ सकते हैं, क्योंकि हम अभी अपनी शारीरिक फिटनेस और कौशल पर बहुत अधिक ध्यान दे रहे हैं। लेकिन मानसिक कौशल एक ऐसी चीज है, जिसे हमें गंभीरता से लेने की जरूरत है।”