मिताली राज ने कड़े संघर्ष से हासिल किया है यह मुकाम, क्या कोई तोड़ पाएगा उनके यह जबरदस्त रिकॉर्ड - क्रिकट्रैकर हिंदी

मिताली राज ने कड़े संघर्ष से हासिल किया है यह मुकाम, क्या कोई तोड़ पाएगा उनके यह जबरदस्त रिकॉर्ड

mithali raj (photo by BCCI/twitter)
mithali raj (photo by BCCI/twitter)

भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज 200 वनडे क्रिकेट मैच खेलने वाली दुनिया की पहली महिला खिलाड़ी बन गईं। उन्होंने भारत के लिए अपना पहला वनडे मैच आयरलैंड के खिलाफ साल 1999 में खेला था।
न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने एक हजार रन पूरे करने के लिए मिताली को इस मुकाबले में 11 रन बनाने थे, लेकिन वह सिर्फ 9 रन ही बना सकीं और 2 रन से इस रिकॉर्ड से चूक गईं।

वनडे क्रिकेट में मिताली राज बेस्ट: 36 बरस की मिताली अपने वनडे करियर में 200 मैच खेलकर 51.33 की औसत से 6622 रन बना चुकी हैं। वह रन बनाने के मामले में सबसे आगे हैं। वनडे क्रिकेट में उनके नाम पर सात शतक और 52 अर्धशतक है।

रन चेज करने के मामले में धोनी और कोहली से बेहतर है मिताली : महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली का रन चेज करने के मामले में कोई जवाब नहीं है लेकिन इस मामले में मिताली का रिकॉर्ड इन दोनों दिग्गजों से बेहतर है। उन्होंने अपने करियर में रनों का पीछा करते हुए 111.29 के औसत से रन बनाए हैं। इस रिकॉर्ड की कोई भी अन्य खिलाड़ी बराबरी नहीं कर पाया है।

mithali raj (photo by twitter)
mithali raj (photo by twitter)

बेहद संघर्ष से हासिल किया यह मुकाम : 3 दिसम्बर 1982 को जोधपुर में जन्मी मिताली के पिता धीरज भी क्रिकेटर रहे हैं। उन्होंने मिताली को प्रोत्साहित करने के लिए हर संभव प्रयत्न किया। उसके यात्रा खर्च उठाने के लिए अपने खर्चों में कटौती की। इसी प्रकार उसकी माँ लीला राज ने भी बेटी के करियर के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी। क्रिकेटर ज्योति प्रसाद ने उसकी प्रतिभा को पहचाना और मिताली ने बेहद संघर्ष से यह मुकाम हासिल किया।

पहले टेस्ट में जीरो पर आउट हुई थीं मिताली : मिताली जब प्रथम बार अंतराराष्ट्रीय टेस्ट मैच में शामिल हुईं तो बिना कोई रन बनाए आउट हो गईं। उसके बाद मिताली ने कड़ी मेहनत से अपने कैरियर में संवारा। उन्होंने 2002 में 214 रन बना कर महिला क्रिकेट में एक ऐसा कीर्तिमान स्थापित किया, जिसे आज तक कोई नहीं तोड़ पाया।

मिताली राज को उनकी इन उपलब्धियों के लिए 2015 में भारत के चौथे उच्चतम नागरिक पुरस्कार पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका है। वह पहली ऐसी खिलाड़ी भी हैं, जिनकी कप्तानी में राष्ट्रीय टीम दो बार (2005, 2017) में आईसीसी वनडे विश्व कप के फाइनल में पहुंची।

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