मैन ऑफ द मैच लेने आए खिलाड़ी ने कहा , यह कैसी भारतीय टीम है, एक को आउट करो, दूसरा धुरंधर आ जाता है
अद्यतन - फरवरी 10, 2019 5:16 अपराह्न

न्यूज़ीलैंड ने भारत के खिलाफ टी 20 सीरीज़ का तीसरा और निर्णायक मैच 4 रन से जीतकर सीरीज़ 2-1 से जीत ली। भारतीय बल्लेबाज़ 213 रनों के बड़े लक्ष्य को हासिल करने में सफल न हो सके और दबाव में आकर अपने विकेट गंवाए।
हालांकि अंतिम ओवरों में दिनेश कार्तिक और क्रुनाल पांड्या ने कोशिश की थी, लेकिन फिर भी वह लक्ष्य से दूर रह गई। कार्तिक 16 गेंदों में 33 रन और क्रुनाल पांड्या 13 गेंदों में 26 रन बनाकर नाबाद रहे।
न्यूज़ीलैंड ने भारत को जीत के लिए 213 रनों का लक्ष्य दिया था। हालांकि विजय शंकर (43), रोहित शर्मा (38), ऋषभ पंत (28) ने 14 ओवर तक मैच को बैलेंस रखा और स्कोर 141 रन कर दिया। इसके बाद भारतीय टीम के विकेट लगातार गिर गए और टीम मैच में पिछ्ड़ गई। भारतीय टीम 20 ओवर में 208 रन ही बन सकी और 4 रन से हार गई।
भारतीय गेंदबाज़ों ने जमकर रन लुटाए। न्यूज़ीलैंड के इस हाई स्कोर में कुलदीप ने कमाल की गेंदबाज़ी की और अपने 4 ओवर में 26 रन दिए और दोनों सलामी बल्लेबाज़ों के विकेट लिए। क्रुनाल पांड्या ने 4 ओवर में 54 रन लुटाए। खलील ने अपने 4 ओवर मे 47 और हार्दिक पांड्या ने 44 रन दिए।
मुनरो ने की भारतीय बल्लेबाज़ों की तारीफ :
भारतीय टीम को इस सीरीज़ के तीसरे मैच में अगर न्यूज़ीलैंड ने मात दी है तो इसका बहुत कुछ श्रेय न्यूज़ीलैंड के सलामी बल्लेबाज़ कोलिन मुनरो को जाता है। पारी के 14वें ओवर में कुलदीप यादव ने मुनरो को आउट किया। उन्हें हार्दिक पांड्या ने कैच किया। मुनरो ने 40 गेंदों पर 5 चौके और 5 छ्क्कों के साथ 76 रन बनाए।
मुनरो की पारी की बदौलत ही न्यूज़ीलैंड टीम 210 रन के स्कोर के पार पहुंची। उन्हें मैन ऑफ द मैच दिया गया। मैन ऑफ द मैच लेने आए मुनरो ने कहा कि यह मैच अंतिम पलों तक ऐसा रहा कि कोई भी टेम जीत सकती थी। एक धुरंधर बल्लेबाज़ आउट हो रहा था तो दूसरा आ रहा था।
उन्होंने भारतीय बल्लेबाज़ों की तारीफ की और कहा कि बड़े लक्ष्य के बावजूद इस मैच का फैसला अंतिम पलों में हुआ। यह कैसी टीम है कि एक बल्लेबाज़ आउट होता है तो दूसरा आकर उसी तेज़ी से रन बनाता है। उन्होंने कहा कि अंत में जीत मिलना सुखद रहा।
उन्होंने अपनी मैच विनिंग पारी के बारे में कहा कि कुछ अलग करने की कोशिश नहीं कर रहा था, बस गेंदबाज़ों को हावी नहीं होने देना था और उन पर दबाव डालना था। उन्होंने माना कि उनकी इस पारी में उन्हें किस्मत का भी साथ मिला।