विदेशी दौरों के लिए अनोखे अंदाज में तैयारी कर रहे हैं मुरली विजय
CricTracker जूनियर स्टाफ लेखिका
अद्यतन - दिसम्बर 2, 2017 7:18 अपराह्न

साल 2018 में टीम इंडिया को एक के बाद एक कई विदेशी दौरे करने हैं , जहां उनके सामने जीत के सिलसिले को बरकरार रखने की चुनौती होगी। किसी भी टीम को अपनी जीत की लय को बनाए रखने के लिए जरुरत होती है बेहतरीन शुरुआत की। और, टीम इंडिया के लिए ये जिम्मेदारी होगी मुरली विजय के कंधों पर ।
टीम इंडिया की ओपनिंग पोजिशन के लिए मुरली विजय कप्तान विराट कोहली की पहली पसंद हैं । और, ये जगह उन्होंने कमाई है अपनी कड़ी मेहनत, बेहतरीन तकनीक और लंबी पारियों की वजह से । इसके अलावा मुरली मौकों को भुनाने में भी माहिर हैं , जिसका प्रमाण है श्रीलंका के खिलाफ हालिया टेस्ट सीरीज । मुरली को कोलकाता में प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं किया गया लेकिन जब नागपुर में वो धवन की जगह प्लेइंग इलेवन का हिस्सा बने तो शानदार शतक जड़कर टीम मैनजमेंट को ये क्लियर मैसज दे दिया कि वो घरेलू ही नहीं बल्कि आने वाले विदेशी दौरों के लिए भी पूरी तरह से तैयार हैं ।
अब सवाल है कि विदेशों में विजय की स्क्रिप्ट लिखने के लिए मुरली अपनी तैयारियों को अमलीजामा पहना कैसे रहे हैं ? तो इसका जवाब है टेनिस बॉल, जी हां, वही जिसका इस्तेमाल लॉन टेनिस में होता है। लेकिन, मुरली विजय उसके जरिए साउथ अफ्रीका को उसी के घर में रौंदने का प्लान बुन रहे हैं । विदेशों में भारत के खराब रिकॉर्ड को दुरुस्त करने का तरीका ढूढ़ रहे हैं। दरअसल, दिल्ली टेस्ट के दौरान मुरली विजय ने टेनिस बॉल के साथ घंटों प्रैक्टिस की और जब इस बारे में उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा, ” मैं टेनिस बॉल से प्रैक्टिस कर रहा हूं क्योंकि प्रैक्टिस में नए प्रयोग मुझे पसंद है, खासकर जिसमें थोड़ा फन भी हो । इससे मुझे खुद को चैलेंज करने का मौका मिलता है और विदेशी दौरों पर बेहतर करने में कामयाबी मिलती है।”
विराट एंड कंपनी में मुरली विजय का स्थान उन बल्लेबाजों में शुमार है, जिनका रिकॉर्ड विदेशी मैदानों पर सबसे बेहतर है। मुरली ने ऑस्ट्रेलिया में 60.25 की औसत से रन बनाए , इंग्लैंड में 40.20 की औसत से रन बनाए तो साउथ अफ्रीका में उनके रन बनाने का औसत 29.22 का रहा। और, भारत को अगले साल इन सभी देशों का दौरा करना है। इन देशों में मुरली के लिए सबसे चैलेंजिंग साउथ अफ्रीका का दौरा हो सकता है क्योंकि यहां उनके रनों का औसत ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के मुकाबले थोड़ा कम है। और, रनों के औसत को बढ़ाने के लिए जरूरी है कंसन्ट्रेशन और इच्छा शक्ति को बढ़ाना। ऐसे में मुरली ने टेनिस बॉल प्रैक्टिस से खुद को चैलेंज करने का जो इरादा बुना है, वो अगले साल विदेशी दौरों पर , खासकर साउथ अफ्रीका में उनके बल्ले से बरसते रनों के तौर पर परवान चढ़ता दिख सकता है।
लेखक- कुमार साकेत