पिंक बॉल टेस्ट क्रिकेट की कमियों को अभी दूर करना बेहद जरुरी – क्विंटन डी कॉक
अद्यतन - मई 11, 2018 5:21 अपराह्न
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के दिन-रात के टेस्ट मैच के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है जो उन्होंने इस साल के अंत में भारतीय टीम के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान एडिलेड टेस्ट मैच के लिए रखा था जिसके बाद सभी को ऐसा लगा कि भारत टेस्ट क्रिकेट के इस नयें फॉर्मेट को समर्थन नहीं देना चाहता है. इसी मुद्दे पर पर अब अपनी राय को दक्षिण अफ्रीका के विकेटकीपर बल्लेबाज क्विंटन डी कॉक ने भी अपने विचार रखते हुए कहा है कि पिंक बॉल टेस्ट को अभी थोडा और ठीक प्रकार से लागू करने के बारे में सोचना चाहिए.
दक्षिण अफ्रीका के विकेटकीपर बल्लेबाज क्विंटन डी कॉक ने अफ्रीका के पहले दिन-रात्री के टेस्ट मैच में खेला था जो जिम्बाब्वे के खिलाफ हुआ था और उन्होंने इसइसी पर अधिक बोलते हुए कहा कि हर टीम को इस फॉर्मेट में खुद को ढलने के लिए समय देना चाहिए क्योंकिं ये एक समान्य टेस्ट मैच से काफी अलग है क्योंकिं यह रेड बॉल से नहीं बल्कि पिंक बॉल से खेला जाता है.
सोच नयीं लेकिन समय देने की जरूरत
पिंक बॉल से रात में खेलने पर बल्लेबाजों काफी सही लगता है लेकिन अभी भी इस पर और काम करने की जरूरत है. स्पोर्ट्स स्टार से बातचीत करते हुए डी कॉक ने कहा कि “अभी भी इस फॉर्मेट में कुछ ऐसी कमी है जिनपर काम करने की काफी जरूरत है. मुझे लगता है कि ये काफी अच्छा विचार है और इससे चीजें अच्छी ही होंगी क्योंकिं ये रेड बॉल से बिल्कुल ही अलग है.”
कुलदीप को समझने में हुयीं दिक्कत
क्विंटन डी कॉक को पिछले कुछ समय से स्पिन गेंदबाजों के सामने दिक्कत में देखा गया और इसी पर उन्होंने अपनी इस बातचीत में कहा कि “जब वे दक्षिण अफ्रीका में आयें थे तो हम उन्हें अधिक नहीं जानते थे और मुझे ऐसा लगता है कि इसी कारण हम अधिक संघर्ष करते हुए देखे गयें. हम कुलदीप यादव को वनडे मैच के दौरान समझ पाने में बिल्कुल भी असफल रहे. वह हमें काफी धीमी गेंद डाल रहा था और हमें नहीं पता चला कि हमें क्या करना चाहिए. मुझे आशा है कि अगली बार हम इन सबके लिए तैयार होकर आयेंगे.”