राष्ट्रीय ध्वज याद दिलाता है कि हमें अपने देश के लिए अपने दिल से खेलने की जरूरत है- शादाब खान
पाकिस्तान ने बांग्लादेश के मीरपुर में अपने अभ्यास सत्र के दौरान अपना राष्ट्रीय ध्वज फहराया था।
अद्यतन - दिसम्बर 10, 2021 7:43 अपराह्न
ऑलराउंडर शादाब खान ने अभ्यास सत्र के दौरान पाकिस्तान द्वारा अपना राष्ट्रीय ध्वज फहराने की प्रथा को लेकर बड़ा बयान दिया है। उनका मानना है कि ऐसा करने से उनकी टीम को एकजुट होकर खेलने प्रेरणा मिलती है। शादाब ने खुलासा किया कि यह रस्म मुख्य कोच सकलैन मुश्ताक के शासनकाल में शुरू हुई थी, जो ध्वज को ‘राष्ट्रीय खिलाड़ियों के पीछे पूरे पाकिस्तान के होने’ का प्रतीक मानते हैं।
हाल ही में बांग्लादेश-पाकिस्तान के बीच खेली गई टी-20 सीरीज के दौरान भी कुछ इस प्रकार का दृश्य देखने को मिला था। जब पाकिस्तान ने मीरपुर के शेर-ए-बांग्ला राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में अपने अभ्यास सत्र के दौरान बिना अनुमति के झंडा फहराया, जिसके बाद मेजबान बांग्लादेश ने आपत्ति जताई और आवाज उठाई थी।
अभ्यास सत्र के दौरान झंडा फहराने के उस मुद्दे को लेकर हसन अली ने क्या कहा ?
इसी मुद्दे को लेकर पाकिस्तान के ऑलराउंडर शादाब खान ने Geo News से बातचीत की है। शादाब ने कहा है कि, “राष्ट्रीय ध्वज हमें याद दिलाता है कि हमें अपने देश के लिए अपने दिल से खेलने की जरूरत है, वही देश जिसे हमारे बुजुर्गों के अनगिनत बलिदानों के कारण आजादी मिली है। राष्ट्रीय ध्वज को जमीन में लगाने की इस प्रथा ने हम सभी को एकजुट किया है।”
उन्होंने टीम के प्रेरणादायी नेता बाबर आजम की भी सराहना की, जिनके नेतृत्व में पाकिस्तान लगातार सफलता की सीढ़ी चढ़ रहा है। उन्होंने कहा, “लोग एक ऐसे कप्तान के लिए अपनी जान देने के लिए तैयार हैं जो हमेशा उनका समर्थन करने के लिए आगे रहते है।”
बांग्लादेश के राज्य मंत्री मुराद हसन ने उस झंडा फहराने के मुद्दे पर कहा था कि, “मुझे पाकिस्तान टीम के खिलाड़ियों के बारे में कुछ नहीं कहना है। लेकिन हम अभ्यास सत्र के दौरान उनका इस तरह से पाकिस्तान का झंडा फहराना स्वीकार नहीं कर सकते। खासकर ऐसे समय में जब हम राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की जयंती मना रहे हैं, जब हम अपनी आजादी की स्वर्ण जयंती मना रहे हैं। मेरा मानना है कि उन्हें उनके झंडे के साथ वापस भेज दिया जाना चाहिए।”