अब तो कोरोना भी नहीं बिगाड़ पाएगा पाकिस्तान सुपर लीग का खेल
PSL-2022 का पहला मैच 27 जनवरी को खेला जाएगा।
अद्यतन - जनवरी 27, 2022 2:31 अपराह्न
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने कोविड-19 स्थिति को लेकर 10 जनवरी को हुई बैठक में पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) की सभी फ्रेंचाइजी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है। टूर्नामेंट कोरोना वायरस के तीसरे लहर के बीच खेला जा रहा है, और इसी वजह से खराब परिस्थितियों से निपटने के लिए बोर्ड और फ्रेंचाइजी ने पहले ही योजना बना लिया है।
इस समझौते में कहा गया है अगर टीमों के पास 13 कोविड निगेटिव खिलाड़ी हैं तो टूर्नामेंट का कोई मैच कोरोना की वजह से बाधित नहीं होगा और सभी मैच तय समयानुसार खेले जाएंगे। समझौते में 25 खिलाड़ियों का एक पूल तैयार करने को कहा गया है, जिन्हें ड्राफ्ट या रिटेंशन के दौरान नहीं चुना गया है और उन्हें बायो बबल में अलग कर दिया जाएगा।
फ्रेंचाइजी अपने 13 खिलाड़ियों के कोटे को पूरा करने के लिए पूल से खिलाड़ियों को चुन सकती हैं। बता दें कि इन खिलाड़ियों को तीन दिवसीय क्वारंटाइन से गुजरना होगा और पीएसएल 2022 संस्करण में भाग लेने से पहले RT-PCR टेस्ट को पास करना होगा।
तय समय पर खत्म होगा पाकिस्तान सुपर लीग
Dawn के सूत्रों के अनुसार, पीसीबी के एक प्रवक्ता ने टूर्नामेंट के निर्धारित समय में पूरा होने के बारे में भी बात किया था। कोविड -19 गंभीर प्रकोप के मामले में टूर्नामेंट को सात दिनों के लिए रोका जा सकता है, लेकिन समय के भीतर पूरा करने के लिए बहुत सारे डबल हेडर के साथ फिर से शुरू होगा। पीएसएल 27 जनवरी से शुरू होकर 27 फरवरी तक चलेगा।
यह भी पता चला है कि कठिन समय में पीएसएल को आयोजन करवाने का कारण इस साल के अंत में आने वाले व्यस्त घरेलू कार्यक्रम के वजह से है। ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड सभी द्विपक्षीय सीरीज के लिए पाकिस्तान का दौरा करने के लिए सहमत हो गए हैं। 2009 में श्रीलंकाई टीम की बस पर हुए हमले के बाद से बहुत सी टीमें पाकिस्तान का दौरा नहीं कर रही हैं।
इस बीच, क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका (सीएसए) बोर्ड ने कहा है कि पीएसएल 2022 के लिए खिलाड़ियों को कोई NOC नहीं दी जाएगी। बोर्ड चाहता है कि खिलाड़ी पीएसएल में भाग लेने के बजाय अपने घरेलू लीग और अंतरराष्ट्रीय फिक्स्चर पर ध्यान केंद्रित करें। टीमों को अपने परिवारों को अपने साथ ले जाने का विशेषाधिकार भी नहीं दिया गया है जो कि बायो बबल थकान को देखते हुए एक बड़ी कमी है।