आर अश्विन ने अपनी मां के बीमार होने का पता चलने के बाद की पूरी कहानी बयां करते हुए रोहित शर्मा के अद्भुत जेस्चर का खुलासा किया - क्रिकट्रैकर हिंदी

आर अश्विन ने अपनी मां के बीमार होने का पता चलने के बाद की पूरी कहानी बयां करते हुए रोहित शर्मा के अद्भुत जेस्चर का खुलासा किया

राजकोट टेस्ट के दूसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद अश्विन ने भारतीय कैंप छोड़ दिया था।

R Ashwin and Rohit Sharma. (Image Source: Getty Images)
R Ashwin and Rohit Sharma. (Image Source: Getty Images)

भारतीय क्रिकेट टीम के सीनियर ऑफ-स्पिनर आर अश्विन (R Ashwin) ने इंग्लैंड के खिलाफ राजकोट टेस्ट के दौरान अपनी भावनाओं के उतार-चढ़ाव और रोहित शर्मा (Rohit Sharma) के अद्भुत व्यवहार के बारे में खुलासा किया। दिग्गज क्रिकेटर ने बताया कि टेस्ट क्रिकेट में 500 विकेट लेने का रिकॉर्ड पूरा करने के तुरंत बाद जब उन्हें उनकी वाइफ से पता चला कि उनकी मां बीमार पड़ गई हैं, तो वह अपने आंसू नहीं रोक पाए और सदमे में चले गए थे।

आर अश्विन (R Ashwin) ने आगे खुलासा किया कि टीम इंडिया के उनके साथियों, खासकर कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के सचिव जय शाह (Jay Shah) ने उन्हें घर लौटने और अपनी बीमार मां के साथ रहने में मदद की। आपको बता दें, राजकोट टेस्ट के दूसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद अश्विन ने भारतीय कैंप छोड़ दिया था, क्योंकि उनकी मां अत्यधिक सिरदर्द के कारण बेहोश हो गई थी।

मैं Rohit Sharma के इस व्यवहार की कल्पना भी नहीं कर सका: R Ashwin

वह तीसरे दिन खेल नहीं पाए, लेकिन चौथे दिन फिर से टीम के साथ जुड़ गये थे। आर अश्विन (R Ashwin) एक चार्टर्ड प्लेन से चेन्नई पहुंचे थे, जिसकी व्यवस्था चेतेश्वर पुजारा ने की थी, और फिर चार्टर्ड प्लेन से ही राजकोट वापस लौटे थे, जिसकी व्यवस्था जय शाह ने की थी।

आर अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा: “मैं अपना 500वां विकेट लेने के बाद अपने माता-पिता और वाइफ के कॉल या मैसेज का इंतजार कर रहा था। शाम के 7 बजे थे और मुझे यह अजीब लगा कि उन्होंने अब तक मुझे फोन नहीं किया था। मैंने सोचा शायद वे इंटरव्यू दे रहे होंगे या फिर बधाई संदेशों का जवाब दे रहे होंगे। लेकिन शाम करीब 7 बजे मैंने नहाने जाने से पहले अपनी वाइफ को फोन किया, तब वो इमोशनल लगी। मेरे माता-पिता ने फोन नहीं उठाया था। उन्होंने मुझे अपने साथियों से दूर जाने के लिए कहा और फिर उसने मुझे बताया कि मेरी मां गंभीर सिरदर्द के बाद गिर गई। मैं सुन्न पड़ गया।

मुझे नहीं पता था कि कैसे रियेक्ट करूं। मुझे नहीं पता था कि उससे कैसे सवाल पूछूं। मैं रो रहा था, लेकिन मैं यह कोशिश कर रहा था कि कोई मुझे रोते हुए न देखे। मैं अपने कमरे में अकेला बैठा था। मुझे रोना आ रहा था। कुछ देर तक तो मुझे लगता है कि मैं फोन पर उपलब्ध नहीं था। इसलिए मेरी वाइफ ने टीम फिजियो को मुझे चेक करने के लिए कहा। उसके बाद, मुझे लगता है कि उसने रोहित शर्मा और राहुल द्रविड़ को बताया होगा। मुझे नहीं पता था कि उन्हें क्या कहना चाहिए।

‘अगर मैं बीच में घर में जाता हूं….’

मैं सोच रहा था कि उन्होंने मुझे प्लेइंग इलेवन में चुना है और अगर मैं बीच में घर में जाता हूं, तब केवल 10 खिलाड़ी रह जाएंगे। टेस्ट सीरीज 1-1 से बराबर थी, और इंग्लैंड थोड़ा आगे था। मैं सोच रहा था कि अगर मैं घर जाऊंगा, तो भारत के पास एक गेंदबाज कम होगा। उसी समय, मैंने सोचा कि आखिरी बार मैंने अपनी मां से कब बात की थी। फिर मैंने मन बना लिया कि मुझे जाकर उनसे मिलना चाहिए। मैंने घर पर पूछा कि क्या वह होश में हैं। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों ने उन्हें उससे मिलने की इजाजत नहीं दी। मैंने फ्लाइट देखी, लेकिन शाम को राजकोट से चेन्नई के लिए कोई फ्लाइट नहीं थी।

मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं। रोहित और राहुल भाई मेरे कमरे में आये। रोहित ने मुझे सोचते हुए देखा और कहा, ‘तुम किस बारे में सोच रहे हो? बस अपना बैग पैक करो और अभी निकलो।’ उन्होंने मुझसे कहा कि वह मेरे लिए चार्टर प्लेन की व्यवस्था करने की कोशिश करेंगे। चेतेश्वर पुजारा को बहुत-बहुत धन्यवाद। उन्होंने कई लोगों से बात की और चार्टर फ्लाइट का इंतजाम किया। मुझे नहीं पता कि मैंने उस फ्लाइट में 2 घंटे कैसे बिताए। हमारी टीम के फिजियो कमलेश मेरे अच्छे दोस्त हैं। रोहित ने जो किया वो बहुत-बहुत हार्दिक था। रोहित ने कमलेश को प्लेन मेरे साथ चलने के लिए कहा।

‘मैं कभी फिजियों को नहीं भेजता’

मैंने रोहित से कहा कि कमलेश टीम के दो फिजियो में से एक है और जब टीम इतना अहम टेस्ट खेल रही थी, तो वह उसे मेरे साथ कैसे भेज सकता था। रोहित ने कहा, ‘ठीक है, कोई नहीं।’ लेकिन मैंने कमलेश को टीम के साथ रुकने के लिए कहा। हालांकि, जब मैं नीचे लॉबी में गया, तो कमलेश और एक सिक्योरिटी गॉर्ड वहां खड़े थे। रोहित, कमलेश को फोन कर रहा था और पूरी यात्रा के दौरान मुझ पर नजर रख रहा था। मैं यह देख हैरान रह गया था। मैं रोहित के इस व्यवहार की कल्पना भी नहीं कर सका। अगर मैं कप्तान होता, तो मैं उस स्थिति में किसी को भी घर जाने के लिए कहता, लेकिन फिजियों को नहीं भेजता।

लेकिन मुझ पर लगातार नजर रखने के लिए उसने कमलेश को फोन किया और उसे मेरे साथ भेज दिया। यह अविश्वसनीय था! मैं रोहित शर्मा में एक बेहतरीन लीडर देखता हूं। वह बहुत खास है। इस नेकदिली के साथ उन्होंने कई खिताब जीते हैं, जिनमें 5 आईपीएल खिताब भी शामिल हैं। यह चीज भगवान सभी को आसानी से नहीं देता। मुझे उम्मीद है कि रोहित इससे भी बड़ा कुछ हासिल करेंगे। मैं इसके लिए भगवान से प्रार्थना करूंगा।”

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