क्या राहुल द्रविड़ के बेटे की वजह से सौरव गांगुली को उन्हें बनाना पड़ा भारतीय क्रिकेट टीम का मुख्य कोच!
पिछले कुछ सालों में राहुल द्रविड़ ने भारतीय-ए टीम और अंडर-19 के कोच के तौर पर काफी अहम भूमिका निभाई है।
CricTracker जूनियर स्टाफ लेखिका
अद्यतन - नवम्बर 14, 2021 6:02 अपराह्न
17 नवंबर से न्यूजीलैंड के खिलाफ शुरू होने वाली तीन मैचों की टी-20 सीरीज से भारतीय क्रिकेट में एक नए युग की शुरुआत भी होगी जिसमें टीम के मुख्य कोच के तौर पर राहुल द्रविड़ अपने कार्यकाल की शुरुआत करेंगे। इससे पहले टीम इंडिया के मुख्य कोच पद पर रहने वाले रवि शास्त्री का कार्यकाल टी-20 वर्ल्ड कप 2021 के साथ समाप्त हो गया।
क्रिकेट इतिहास के सर्वाकालिक महान बल्लेबाजों में शुमार किए जाने वाले राहुल द्रविड़ का इस पद को संभालने के बाद सभी ने उम्मीद जताई है कि टीम इंडिया और भी नई ऊंचाइयों को छूने का काम करेगी। इससे पहले राहुल द्रविड़ ने भारतीय-ए और अंडर-19 के कोच के तौर काफी अहम भूमिका निभाते हुए कई शानदार खिलाड़ी मुख्य टीम को देने का काम किया।
अब न्यूजीलैंड के भारत दौरे से उन्हें सभी नई भूमिका में देखने वाले हैं। लेकिन इसी बीच भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के वर्तमान अध्यक्ष और टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने द्रविड़ की मुख्य कोच की नियुक्ति को लेकर मजाकिया अंदाज में जवाब देते हुए कहा कि द्रविड़ के बेटे की वजह से उन्हें यह फैसला करना पड़ा।
सौरव गांगुली ने राहुल द्रविड़ की इस खींची टांग
सौरव गांगुली ने 40वें शारजाह बुक फेयर के दौरान अपने दिए बयान में मजाकिया अंदाज में कहा कि, मुझे राहुल द्रविड़ के बेटे का एक दिन फोन आया जिसमें उसने मुझसे कहा कि उनके पिता घर पर काफी सख्ती के साथ पेश आते हैं, तो इसके लिए उनको कहीं बाहर भेज दिया जाए। जिसके बाद मैने राहुल को भारतीय टीम के मुख्य कोच पद को संभालने के लिए कहा।
वहीं इसी दौरान सौरव गांगुली ने अपने और राहुल द्रविड़ के बीच तालमेल को लेकर भी कहा कि, हम दोनों ने एक साथ ही खेलना शुरू किया और उसके बाद लंबे समय तक हम साथ रहे। जिससे मुझे उन्हें इस पद पर लाने के लिए अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ी।
जबकि भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय सीरीज को लेकर भी बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली से सवाल पूछे जाने पर उन्होंने इसका काफी आसान तरीके से जवाब देते हुए कहा कि, यह भारतीय बोर्ड और पाकिस्तानी बोर्ड दोनों के हाथों में नहीं है। जिसको लेकर दोनों देशों की सरकारों को ही इस पर काम करना होगा।