PCB अध्यक्ष रमीज राजा ने कहा, पीएम मोदी के पास पाकिस्तान क्रिकेट को गिराने की ताकत है - क्रिकट्रैकर हिंदी

PCB अध्यक्ष रमीज राजा ने कहा, पीएम मोदी के पास पाकिस्तान क्रिकेट को गिराने की ताकत है

पिछले महीने न्यूजीलैंड और इंग्लैंड ने रद्द किया था पाकिस्तान दौरा।

Ramiz Raja. (Photo by ARIF ALI/AFP via Getty Images)
Ramiz Raja. (Photo by ARIF ALI/AFP via Getty Images)

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के अध्यक्ष रमीज राजा ने गुरुवार 7 अक्टूबर को एक सनसनीखेज बयान दिया है। उन्होंने दावा किया है कि अगर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान की फंडिंग को रोक देते हैं तो उनके देश में क्रिकेट पूरी तरह से बंद हो जाएगी। उन्होंने हाल ही में की गई एक सीनेट बैठक के दौरान कहा है कि “PCB को 50 फीसदी फंडिंग ICC से मिलती है और आईसीसी को उनकी 90 फीसदी फंड BCCI से मिलता है इसलिए इस वक्त भारत के बिजनेस हाउस पाकिस्तान क्रिकेट को चला रहे हैं।”

रमीज राजा ने आगे कहा, “अगर कल को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान को फंड नहीं देते हैं तो देश का क्रिकेट बोर्ड पूरी तरह से बिखर सकता है। इससे पहले भी कई बार पीसीबी अध्यक्ष क्रिकेट सिस्टम में फंडिंग को लेकर बता चुके हैं कि कैसे पूरा पाकिस्तान क्रिकेट ICC के द्वारा मिले फंड से चलता है।”

हाल ही में रद्द हुए दौरों से PCB को हुआ भारी नुकसान

न्यूजीलैंड की टीम टी-20 और वनडे मैचों की सीरीज खेलने के लिए रावलपिंडी पहुंची थी लेकिन पहले मैच के टॉस से कुछ देर पहले ही टीम ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए दौरे से अपने कदम पीछे कर लिए। इसके ठीक तीन दिन बाद इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने भी अपने प्रस्तावित पुरुष और महिला टीम के पाकिस्तान दौरे को रद्द कर दिया था। हालांकि, ECB ने इसके पीछे खिलाड़ियों के मानसिक स्वास्थ्य और बायो बबल के थकान का हवाला देते हुए कहा था कि उनके खिलाड़ी अभी दौरा करने के लिए तैयार नहीं हैं।

हालांकि, इंग्लैंड को अपने इस फैसले के लिए पूरे क्रिकेट जगत से आलोचनाओं का सामना करना पड़ा और इसका नतीजा ये हुआ कि 7 अक्टूबर को ECB के सीईओ इयान व्हाटमोर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि “मैं उन सभी लोगों से माफी मांगता हूं जिनको हमारे फैसलों की वजह से दुख पहुंचा है, खासकर पाकिस्तान। बोर्ड ने जो फैसला लिया था, वो हमारे लिए भी काफी कठिन था लेकिन हमारे लिए खिलाड़ियों की मानसिक स्वास्थ्य पहली प्राथमिकता है और वही देखते हुए हमने ये फैसला किया।”

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