इस खिलाड़ी के कारण आज क्रिकेट की दुनिया में नाम कमा पा रहे हैं राशिद खान, मोहम्मद नबी और…
अद्यतन - Jan 26, 2019 6:40 pm

अफगानिस्तान क्रिकेट टीम तेज़ी से उभर रही है। अफगानिस्तान ने पहले आयरलैंड को कई मैचों में हराया और टी20 सीरीज़ में जिम्बाब्वे का क्लीन स्वीप किया और वनडे सीरीज़ में भी अफगानिस्तान ने बड़ी टीमों की तरह खेला। इस टीम की लोकप्रियता का यह आलम है कि मोहम्मद नबी और राशिद ख़ान जैसे खिलाड़ियों को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में महंगे दामों में खरीदा गया है। राशिद, नबी, मुबीब उर रहमान और मोहम्मद शहज़ाद जैसे अफगान खिलाड़ी दुनिया भर की टी20 लीग में खेल रहे हैं।
राशिद जब आईपीएल 2018 में आईपीएल नीलामी में आए थे तो उन्हें नौ करोड़ रुपए और नबी को एक करोड़ रुपए की राशि देकर सनराइज़र्स हैदराबाद ने अपने साथ जोड़ा था। दोनों खिलाड़ी अब भी इसी टीम के साथ हैं।
बिगबैश, बांग्लादेश प्रीमियर लीग जैसी लीग में भी अफगानिस्तान के खिलाड़ियों का जोशिला प्रदर्शन देखा गया है। इन खिलाड़ियों पर दुनिया भर के क्रिकेट एक्सपर्ट ने संज्ञान लिया है और इन्हें महत्व भी दिया है। अगर पीछे मुड़कर देखें तो पाएंगे कि अफगानिस्तान के क्रिकेट को यहां तक लाने में नवरोज़ मंगल का बहुत बड़ा योगदान है। राशिद और नबी के अलावा अगर दूसरे अफगानिस्तानी खिलाड़ी दुनिया भर में धूम मचा पा रहे हैं, इस स्तर पर क्रिकेट में नाम कमा पा रहे हैं तो इसका बहुत कुछ श्रेय नवरोज़ मंगल को ही जाता है।
कैसे क्रिकेट में आगे बढ़ा अफगानिस्तान : अफगानिस्तान क्रिकेट का यहां तक पहुंचना आसान न था। एक जिद्दी खिलाड़ी ने अफगानिस्तान क्रिकेट को डर और ग़रीबी के साये से निकालकर अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाया है। इस खिलाड़ी को हम नवरोज़ मंगल के नाम से जानते हैं।
साल 2000 से 2005 तक अफगानिस्तान के लोग जीवन संघर्ष में ही लगे रहते थे, क्रिकेट खेलने की ओर किसी का धयान भी नहीं जाता था। लेकिन इस माहौल में भी नवरोज़ मंगल ने क्रिकेट का परचम बुलंद किया, जिसकी बदौलत आज अफगानिस्तान क्रिकेट इस मुकाम पर पहुंचा और राशिद और नबी जैसे खिलाड़ी आईपीएल से लेकर बिगबैश टी 20 लीग तक चर्चित हुए।
अफगानिस्तान क्रिकेट टीम के पहले कप्तान मंगल नवरोज़ ही थे। मंगल का जन्म तो अफगानिस्तान में हो गया, लेकिन तालिबान और अमेरिका सेना की जंग के दौरान इन्हें हज़ारों लोगों के साथ अपना देश छोड़कर पाकिस्तान सीमा पर रिफ्यूज़ी कैंप में रहना पड़ा। यहीं से क्रिकेट खेलने की शुरुआत हुई और फिर यह जुनून बन गया।
बाद में जब अमेरिकी सेना ने तालिबान को अफगानिस्तान से खदेड़ दिया तो मंगल सहित कई रिफ्यूज़ी अपने देश लौटे। मंगल अफगानिस्तान क्रिकेट टीम के पहले कप्तान बने और एक के बाद एक प्रभावी प्रदर्शन से न केवल तारीफ़ बटोरी बल्कि राशिद, नबी जैसे कई खिलाड़ियों को प्रेरित किया।
अगर मंगल का हौसला उस रिफ्यूज़ी कैंप में खत्म हो गया होता तो साथ ही अफगानिस्तान का क्रिकेट भविष्य भी खत्म हो जाता। फिर शायद हम राशिद और नबी जैसे प्रतिभावान खिलाड़ियों का खेल नहीं देख पाते। अफगानिस्तान के युवा खिलाड़ी मंगल को अपनी प्रेरणा मानते हैं।
पहला क्रिकेट मैच भारत पाकिस्तान का देखा : मंगल ने रिफ्यूजी कैंप में रहते हुए टीवी पर पहला मैच भारत और पाकिस्तान का देखा। यह मैच वर्ल्ड कप 1996 का क्वार्ट फाइनल मैच था। टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में मंगल ने कहा था कि सचिन तेंदुलकर, वसीम अकरम के नाम बहुत सुने थे, इसलिए टीवी पर मैच देखने का मन हुआ।
सचिन के फैन : इसी इंटरव्यू में मंगल ने सचिन को अपना पसंदीदा खिलाड़ी बताया था और कहा था कि उन्हें बल्लेबाज़ी करते हुए देखना अपने आप में किसी क्लास की तरह है। सचिन के बहुत बड़े फैन हैं मंगल और उन्हें देखकर क्रिकेट के बारे में काफीर कुछ सीखा।