रितिंदर सोढ़ी ने अंडर-19 वर्ल्ड कप 2000 के युवराज सिंह से जुड़े अनकहे किस्से का किया खुलासा - क्रिकट्रैकर हिंदी

रितिंदर सोढ़ी ने अंडर-19 वर्ल्ड कप 2000 के युवराज सिंह से जुड़े अनकहे किस्से का किया खुलासा

भारतीय क्रिकेट टीम ने मोहम्मद कैफ की अगुआई में अंडर-19 वर्ल्ड कप 2000 जीता था।

Yuvraj Singh and Reetinder Sodhi (Image Source: Getty Images/Twitter)
Yuvraj Singh and Reetinder Sodhi (Image Source: Getty Images/Twitter)

पूर्व भारतीय क्रिकेटर रितिंदर सिंह सोढ़ी ने कोलोंबो में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए आईसीसी अंडर-19 वर्ल्ड कप 2000 के सेमीफाइनल की यादें ताजा करते हुए युवराज सिंह के साथ हुई उनकी दिलचस्प और दिल जीत लेने वाली बातचीत का खुलासा किया।

आपको बता दें, भारत ने अंडर-19 वर्ल्ड कप 2000 के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को 170 रनों से मात देकर फाइनल में जगह बनाई थी, जहां मोहम्मद कैफ की अगुआई में टीम ने श्रीलंका को छह विकेट से मात वर्ल्ड कप का खिताब जीता था। इस अंडर-19 वर्ल्ड कप 2000 में युवराज सिंह ने 203 रन बनाए थे।

रितिंदर सोढ़ी ने अंडर-19 वर्ल्ड कप 2022 की एक अनसुनी कहानी का खुलासा किया

रितिंदर सिंह सोढ़ी ने हिंदुस्तान टाइम्स के हवाले से कहा: “युवराज सिंह चैंपियन रह चुके हैं। उन्होंने अपने दम पर मैच जीते हैं। जब टीम मुश्किल में होती थी, युवराज आते थे और हमारे लिए मैच जीतकर आते थे। मुझे आज भी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ साल 2000 अंडर-19 वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल याद है। इस मैच में हमने ज्यादा रन नहीं बनाए थे और ऑस्ट्रेलिया के पास उस समय शेन वॉटसन, मिशेल जॉनसन जैसे स्टार खिलाड़ी थे।

युवराज को चौथे स्थान पर बल्लेबाजी करने जाना था, और फिर मेरी बारी थी। मैंने उनसे कहा, ‘युवी, रन कम बने हैं यार। थोड़ा तेज खेलना पड़ेगा।’ और फिर, वह 43वें ओवर में बल्लेबाजी करने गया और 25 गेंदों पर 58 रन बनाए और भारत को 284 रनों का स्कोर पोस्ट करने में मदद की, जिसके जवाब में ऑस्ट्रेलिया टीम केवल 114 रन बना पाई थी।”

रितिंदर सोढ़ी ने आगे युवराज सिंह के साथ अपनी बातचीत का खुलासा करते हुए बताया: “युवराज ने बल्लेबाजी करने जाने से पहले मुझसे कहा था, ‘तू घबरा मत। मैं जा रहा हूं ना, मैं खेलकर आउंगा’। और उसने पांच चौके और छक्के लगाकर हमें ऑस्ट्रेलिया के आगे विशाल लक्ष्य रखने में मदद की। वह शुरू से ही बहुत आत्म-विश्वासी व्यक्ति रहा है, और हमने उस आत्म-विश्वास को कई वर्षों तक देखा जब वह टीम इंडिया के लिए खेला करते थे।”

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