IPL 2022 का सीजन भारत में होने के साथ इस तारीख से मैचों को शुरू कराने की योजना बना रहा BCCI
इससे पहले IPL 2022 सीजन के शुरू होने की उम्मीद 2 अप्रैल जताई गई थी।
CricTracker जूनियर स्टाफ लेखिका
अद्यतन - जनवरी 22, 2022 6:08 अपराह्न
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने आगामी 15वें सीजन के शुरू होने की तारीख को आगे बढ़ाने की सभी तरह की अफवाहों पर विराम लगाते हुए इसे तय समय पर शुरु करने की योजना बनाई है। दरअसल पहले की योजना के अनुसार IPL के 15वें सीजन की शुरुआत 2 अप्रैल से होनी थी लेकिन अब नए प्लान के अनुसार जिसमें IPL टीम के मालिकों से चर्चा करने के बाद इसे 27 मार्च से शुरू करने की योजना बनाई जा रही है।
आगामी IPL सीजन में कुल 10 टीमें खेलते हुए दिखने वाली हैं, जिसमें इस बार अहमदाबाद और लखनऊ के तौर पर 2 नई फ्रेंचाइजी दिखेंगी, जो पिछली 8 फ्रेंचाइजियों के साथ इस पूल का हिस्सा बनेंगी। जिसके बाद मैचों की संख्या में भी इजाफा होना तय माना जा रहा है, जिसमें 60 की जगह पर कुल 74 मुकाबले खेले जायेंगे, जो 60 दिन के भीतर होने हैं।
जिसमें सभी टीमों को कुल 14 मुकाबले खेलने हैं, इसमें घरेलू मैदान पर 7 जबकि 7 घर से बाहर। इसके अलावा मैचों के आयोजन को लेकर भी स्थान तय किए जाने हैं, क्योंकि भारत में पिछले कुछ महीनों में कोरोना संक्रमण के मामलों में अचानक इजाफा देखने को मिला है। जिसमें पिछले 2 IPL सीजन को कोरोना महामारी के चलते देश से बाहर आयोजन कराने का फैसला लेना पड़ा था। हालांकि साल 2021 के IPL सीजन के पहले हाफ का खेल भारत में हुआ था, लेकिन इसके बाद मैचों का आयोजन यूएई में नए शेड्यूल के अनुसार किया गया था।
मेगा ऑक्शन के स्थान में किसी तरह का बदलाव नहीं
वहीं इससे पहले काफी सारी ऐसी भी खबरें सामने आ रही थी कि BCCI आगामी सीजन के मैचों के आयोजन को लेकर साउथ अफ्रीका या फिर श्रीलंका में से किसी एक का चुनाव कर सकता है। लेकिन बोर्ड के साथ सभी फ्रेंचाइजियों के मालिकों ने मिलकर यह फैसला लिया है कि लीग का आयोजन भारत में ही कराया जाए। जिसमें यदि सीमित जगहों पर भी इसके आयोजन का फैसला लिया जाता है तो उसके लिए भी सभी फ्रेंचाइजी पूरी तरह से तैयार हैं।
इसमें रिपोर्ट के अनुसार आगामी सीजन के आयोजन के लिए मुंबई और पुणे को चुना जा सकता है, जिसमें कुल 4 मैदानों का विकल्प मिलेगा। वहीं इसके अलावा यूएई भी एकबार फिर से मीटिंग में चर्चा का विषय रहा लेकिन वहां के मैदानों पर पड़ने वाली ओस की वजह से उसे नहीं चुना गया। जिसमें टी-20 वर्ल्ड कप के दौरान इसका साफतौर पर उदाहरण देखने को मिला था, जहां पर टॉस बेहद ही अहम बन गया था।