क्या टीम इंडिया को अब एम एस धोनी की जरूरत है? - क्रिकट्रैकर हिंदी

क्या टीम इंडिया को अब एम एस धोनी की जरूरत है?

MS Dhoni
MS Dhoni (Photo by Gareth Copley/Getty Images)

विश्व कप को कुछ महीने बाकी है और सभी टीम अपने खिलाड़ियों को वनडे में आजमा रही है ताकि विश्वकप के पहले एक सही टीम को चुनाव किया सके। टीम इंडिया भी यही कर रही है और कुछ खिलाड़ियों का चयन तो पक्का है। इसमें से एक हैं महेंद्र सिंह धोनी, जो विकेटकीपर का रोल अदा करेंगे। हाल ही में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के खिलाफ होने वाली वनडे सीरिज में उन्हें चुना भी गया है।

इस बात पर किसी को कोई संदेह नहीं है कि धोनी ने अपनी बल्लेबाजी और कप्तानी के जरिये भारत को ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल करवाई है। कई मुश्किल मैचों में अपने शानदार प्रदर्शन के बल पर विजय दिलाई है। वे भारत के महानतम कप्तानों में से एक हैं। खिलाड़ियों की कमजोरी और खूबियों को वे बखूबी जानते हैं और इसके बूते पर उनसे शानदार प्रदर्शन करवाते हैं।

ये बात भी सही है कि हर अच्छी चीज का एक दौर होता है। समय के साथ उसका अंत भी होता है। धोनी का करियर भी ढलान पर है। पिछले कुछ महीनों से उनसे रन बनना बंद हो गए। अब वे पुराने धोनी की परछाई मात्र रह गए हैं। 2018 के इंग्लैंड दौरे पर सभी ने उनको मैदान पर रनों के लिए तरसते देखा है।

धोनी से क्यों बेहतर हैं पंत?
हाल ही में ऋषभ पंत ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। टेस्ट मैच में भी उन्होंने वनडे जैसी बल्लेबाजी की है। वे युवा है। हां, विकेटकीपिंग में जरूर उनकी कुछ कमजोरियां हैं, लेकिन समय के साथ ये सही हो जाएगी। वे भविष्य के खिलाड़ी हैं। ऐसे में पंत के होते क्या धोनी की जरूरत महसूस होती है? यहां धोनी की आलोचना मकसद नहीं है, लेकिन गौर किया जाए तो ऐसा लगता है कि विश्वकप के लिए धोनी की बजाय पंत को लिया जाना चाहिए।

जिस तरह से हालात है उसको देख लगता है कि धोनी और पंत दोनों का चयन होगा, लेकिन यदि पंत को प्राथमिकता दी जाती है तो धोनी की जगह अतिरिक्त बल्लेबाज या गेंदबाज चुना जा सकता है। अक्सर कहा जाता है कि विराट की कप्तानी में धोनी उनकी मदद करते हैं। उन्हें बहुत महत्वपूर्ण सलाह देते हैं। लेकिन अब विराट योग्य कप्तान बन चुके हैं। उन्हें सलाह की खास जरूरत नहीं है।

ऐसे में धोनी की जगह टीम में बनती नहीं है। वे विश्वकप तक खेलने के लिए अड़े हुए हैं। संभव है कि वे विश्वकप के बाद बल्ला टांग दे, लेकिन क्या अतीत के बल पर ही उन्हें टीम में स्थान दिया जाना चाहिए?

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