शोएब अख्तर को 2011 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में नहीं खेलने का आज भी है मलाल, बोले- खेलता तो सचिन-सहवाग को आउट कर देता
शोएब अख्तर का मानना है कि अगर शुरुआती 10 ओवरों में सचिन और सहवाग का विकेट पाकिस्तान को मिल गया होता तो शायद रिजल्ट कुछ और होता।
अद्यतन - Jun 11, 2022 6:14 pm

आज से लगभग 11 साल पहले 2011 में भारत ने वनडे वर्ल्ड कप अपने नाम किया था, लेकिन आज भी कई भारतीय प्रशंसकों को ऐसा लगता है कि मानो यह कुछ दिनों पहले की ही बात रही हो। वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर जिनका ये टूर्नामेंट काफी निराशाजनक रहा था, उन्होंने स्वीकार किया कि 2011 वर्ल्ड कप की यादें अभी भी उन्हें काफी परेशान करती है।
एमएस धोनी के नेतृत्व में भारत ने 28 साल बाद 2011 में इस ट्रॉफी को अपने नाम किया था। फाइनल मुकाबले में भारत ने श्रीलंका को 6 विकेट से मात दी थी और यह ट्रॉफी जीती थी। लेकिन इस मुकाबले से पहले सेमीफाइनल में भारत का सामना पाकिस्तान से हुआ था और इस मुकाबले के साथ कई लोगों की यादें जुड़ी हुई हैं।
भारत बनाम पाकिस्तान का सेमीफाइनल मुकाबला मोहाली स्टेडियम में खेला गया था, जहां पर दोनों देशों के प्रधानमंत्री भी उपस्थित थे। इस मुकाबले में कई दिग्गज खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था, लेकिन एक ऐसा नाम था जो चोटिल होने की वजह से इस मुकाबले का हिस्सा नहीं बन पाया था। वो थे पाकिस्तान के तेज गेंदबाज शोएब अख्तर।
मुझे मालूम था कि भारत काफी दवाब में सेमीफाइनल मुकाबला खेल रहा है: शोएब अख्तर
अख्तर ने उन्हें प्लेइंग XI में शामिल नहीं करने के फैसले को अनुचित बताया। उनका मकसद सिर्फ सेमीफाइनल मुकाबले को जीतना नहीं था, बल्कि फाइनल मुकाबले में श्रीलंका को हराना भी था। पाकिस्तान के तेज गेंदबाज का मानना है कि उस समय भारतीय टीम काफी दबाव में थी, क्योंकि वह घरेलू दर्शकों के सामने खेल रही थी।
स्पोर्ट्सकीड़ा से बातचीत में अख्तर ने कहा, ‘2011 वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल मुकाबला जो मोहाली में खेला गया था उसकी यादें मुझे आज भी डराती हैं। उनको मुझे टीम में शामिल करना चाहिए था। मैं टीम मैनेजमेंट से काफी नाखुश था, जब मुझे प्लेइंग XI में शामिल नहीं किया गया था। मैं जानता था कि सिर्फ दो ही मुकाबले और बचे हैं और मेरी तमन्ना थी कि वानखेड़े में पाकिस्तान का झंडा गर्व से ऊंचा रहे। मुझे मालूम था कि भारत काफी दवाब में सेमीफाइनल मुकाबला खेल रहा है। पूरा देश और मीडिया टीम को देख रहा था, इसका मतलब था कि हमारे जीतने की उम्मीदें बहुत कम थी इसीलिए मेरा मानना है कि हमें दबाव नहीं लेना चाहिए था।
अगर सचिन और सहवाग का विकेट जल्द ले लिया होता तो इंडिया बिखर जाती: शोएब अख्तर
भारत ने सेमीफाइनल मुकाबले में पहले बल्लेबाजी करते हुए सचिन तेंदुलकर के महत्वपूर्ण 85 रन की बदौलत 50 ओवर में 9 विकेट पर 260 रन बनाए थे। जवाब में पाकिस्तान टीम की शुरुआत काफी लाजवाब रही लेकिन उनके विकेट्स लगातार अंतराल में गिरते रहे जिसकी वजह से वह 231 पर ऑलआउट हो गई थी। अख्तर ने कहा कि डगआउट में बैठकर काफी निराशा हो रही थी, जब हम मुकाबला हारे तो गुस्से में मैंने ड्रेसिंग रूम में काफी कुछ तोड़ा दिया था।
शोएब अख्तर का मानना है कि अगर शुरुआती 10 ओवरों में सचिन और सहवाग का विकेट पाकिस्तान को मिल गया होता तो शायद अंत रिजल्ट कुछ और होता।
उन्होंने आगे कहा कि अगर मैं इस मुकाबले में खेलता तो सचिन और सहवाग का विकेट जरूर लेता। इन दोनों खिलाड़ियों का विकेट लेने के बाद भारतीय टीम पूरी तरह से बिखर जाती। मुझे काफी दुख हुआ। डगआउट में 5 से 6 घंटे तक मुकाबला देखना और उसके बाद हार जाना काफी बुरा लगता है।
मैं उन लोगों में नहीं हूं जो रोकर अपना गुस्सा शांत करते हैं, बल्कि उनमें से हूं गुस्से में चीजों तोड़ देते हैं। मैं काफी दुखी था और उसकी वजह से मैं वापस ड्रेसिंग रूम में गया और कुछ चीजों को तोड़ दिया था। हमारे साथ पूरे देश को इस हार के बाद काफी दुख पहुंचा था।