'मैं आपकी बता क्यों मानूं'- जब आर अश्विन ने पूर्व फील्डिंग कोच आर श्रीधर से पूछा था हैरान कर देने वाला सवाल - क्रिकट्रैकर हिंदी

‘मैं आपकी बता क्यों मानूं’- जब आर अश्विन ने पूर्व फील्डिंग कोच आर श्रीधर से पूछा था हैरान कर देने वाला सवाल

आर श्रीधर टीम इंडिया के साल 2014 से 2021 तक फील्डिंग कोच रहे हैं जिनकी देखरेख में टीम इंडिया ने फील्डिंग में टाॅप लेवल हासिल किया था 

R Sridhar and R Ashwin (Image Credit- Twitter)
R Sridhar and R Ashwin (Image Credit- Twitter) R Sridhar and R Ashwin (Image Credit- Twitter)

भारतीय क्रिकेट टीम का फील्डिंग स्तर उस वक्त बहुंत ऊंचा था, जब टीम इंडिया की फील्डिंग कोचिंग की कमान आर श्रीधर के हाथों में थी। बता दें कि हैदराबाद के इस पूर्व स्पिनर ने भारत की कमान साल 2014 में संभाली और टी-20 विश्व कप 2021 के बाद उन्होंने अपने इस पद को खुद छोड़ने का फैसला किया।

टीम इंडिया के साथ अपने सात साल लंबे फील्डिंग कोचिंग के दौरान उन्होंने डंकन फ्लेचर, अनिल कुंबले और रवि शास्त्री के साथ काम किया था। लेकिन अब उन्होंने हाल में ही छपी अपनी किताब ‘कोचिंग बियोंड- माय डेयस विद दी इंडियन क्रिकेट’ में खुलासा किया है कि उनके लिए यह इतना आसान नहीं था, जितना कि लोगों को दिखता है।

बता दें कि टीम इंडिया की कोचिंग के पहले हफ्ते के दौरान ही उनकी और टीम इंडिया के अनुभवी खिलाड़ी रविचंद्रन अश्विन के साथ काफी गंभीर बात हुई थी। तो वहीं उन्होंने इस बात की जानकारी अपनी इस किताब में भी दी है।

जब अश्विन ने श्रीधर से कहा था कि मैं आपकी क्यों सुनूं

बता दें कि अपनी कोचिंग के शुरूआती दिनों के बारे में आर श्रीधर ने अपनी किताब में लिखा, मैं अश्विन के साथ अपने पहले ही सप्ताह में काफी प्रभावित हुआ। उन्होंने मुझसे कहा, अगर सर आप बुरा ना मानें तो मै आपकी कही बाते क्यों मानूं और आपके द्वारा बताए गए फील्डिंग स्टैंडर्ड क्यों फाॅलो करूं। आप मुझसे जो कह रहे हैं, मैं वह क्यों करूं?

उन्होंने मुझसे आगे कहा, साल 2011 से 2014 तक हमारे पास फील्डिंग कोच के रूप में ट्रेवर पेनी थे। अब आप अंदर आए हैं और दो-तीन साल तक इस पद पर रहेंगे और फिर चले जाएंगे, और उसके बाद नया कोच आएगा।

मैं अगर आपसे ईमानदारी से कहूं तो आने वाले तीन साल में मेरा काफी कुछ दांव पर लगा है। इसलिए मुझे विश्वास होना चाहिए कि जो आप मेरे लिए कह रहे हैं वो मेरे लिए काम करने वाला है। साथ ही इससे मेरे खेल में मदद मिलनी चाहिए, नहीं तो मैं आपकी बात क्यों मानूं?”

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