आखिर सौरव गांगुली ने किस तरह से लिया अपने सन्यास का फैसला
अद्यतन - फरवरी 2, 2018 6:32 अपराह्न
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने जिन्हें भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल कप्तानों में से एक माना जाता है और वे इस खेल के बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक थे. गांगुली का विवादों से भी काफी घर नाता रहा है और चेपल और उनके बीच हुए विवाद ने काफी सुर्खिया भी बटोरी थी लेकिन गांगुली ने भारतीय क्रिकेट को एक नईं दिशा देने काम भी किया था.
किताब से किया खुलासा
भारतीय टीम के इस प्रिंस ने 2008 में अचानक से क्रिकेट को अलविदा कहने का निर्णय ले लिया था जिसके बाद उन्होंने कभी इस बात का खुलासा नहीं किया कि आखिर ऐसा निर्णय किस वजह से लिया था. गांगुली ने हाल में अपने जीवन जुडी पहली किताब अ सेंचुरी इस नॉट इनफ जो इस महीने के आखिर में आने वाली है जिस पर गांगुली ने शुक्रवार को एक अपनी इस बुक के प्रीव्यू को जरी किया.
आखिरी सीरीज का खुलासा
सौरव गांगुली ने अपनी इस किताब का जो प्रीव्यू जारी किया है उसमे उन्होंने अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर की आखिरी सीरीज के बारे में खुलासा किया है और उन्होंने इस बार में बताया है कि किस तरह से उन्होंने अपने सन्यास के बारे निर्णय लिया था जिस तरह से चयनकर्ता उन्हें बार बार टीम में शामिल करने से पहले उनका ट्रायल ले रहे थे. गांगुली को 2008 में ईरानी ट्राफी में शेष भारत की टीम से भी निकाल दिया गया था.
मुझे एहसास हो गया था क्या चल रहा है
अपनी किताब में गांगुली ने उस किसे का उल्लेख करते हुए लिखा कि “मुझे शेष भारत की टीम से निकाल दिया गया था और ये सीधा इस बात की तरफ इशारा कर रहा था कि चयनकर्ता मेरे बारे में क्या सोच रहे है. मैंने अपने आप से पूछा कि एशियन बल्लेबाज और प्लेयर ऑफ दी इयर को ऐसे टीम से निकाला जायेगा मुझे बेहद गुस्सा आया. और ये मेरे करियर के सबसे कठिन समय में से एक था जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया सीरीज के पहले दो टेस्ट मैच के बाद मैंने सन्यास लेने का फैसला कर लिया.”