भारतीय और पाकिस्तानी अंपायर्स के वेतन में है काफी बड़ा अंतर
अद्यतन - Jun 3, 2018 4:11 pm

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने कुछ दिन पहले ही भारतीय अंपायर्स, मैच रैफरी, स्कोरर्स और वीडियों विश्लेषकों के वेतन में 100 प्रतिशत वृधि करने का निर्णय लिया है, 2018 के घरेलू सीजन शुरू होने से पहले. टॉप 20 अंपायर्स को प्रथम श्रेणी मैच में हर दिन के लिए 40000 रुपयें दिए जायेंगे और वहीँ बाकी अंपायर्स को नयें वेतन प्रारूप के तहत 30000 रुपयें दिए जायेंगे. अंपायर के वेतन में ये वृधि पाकिस्तान के अंपायर्स से कहीं अधिक अंतर पैदा करती है.
यदि टी-20 फॉर्मेट की बात करें तो टॉप 20 अंपायर्स के वेतन में वृधि करते हुए उन्हें अब एक मैच के लिए 20000 रुपयें दिए जायेंगे जबकि बाकी अंपायर्स को 15000 रुपयें दिए जायेंगे. मैच रैफरी के भी वेतन में बीसीसीआई ने वृधि करते हुए उन्हें प्रथम श्रेणी मैच में 30000 रुपयें वहीँ टी-20 मैच के लिए अब 15000 रुपयें दिए जायेंगे.
सुप्रीम कोर्ट की तरफ से नियुक्त क्रिकेट प्रशासकों की समिति ने सबा करीम जो बीसीसीआई के क्रिकेट ऑपरेशन समिति के जनरन मैनेजर है उनकी वेतन को बढ़ाने के लिए की गयीं सिफारिशों को भी मान लिया है जिन्हें ये लगता है कि ये सभी भारतीय घरेलू क्रिकेट के लिए काफी मजबूत स्तंभ है और इनके काम की भी हमें कीमत को समझना होगा.
पीसीबी कितना देती है
डेली टाइम्स पाकिस्तानी वेबसाईट में पीसीबी अपने अंपायर्स को कितना वेतन देती है उसके बारे में जानकारी दी गयीं है. पीसीबी एलिट पैनल के अपने अंपायरो को 6000 रुपयें प्रति दिन के हिसाब से देती है जिसमें वह 17.5 प्रतिशत इनकम टैक्स नॉन फिलर और 10 प्रतिशत फिलर के रूप में काट लेते है.
पीसीबी अपने ग्रेड 1 के अंपायर्स को 5500 रुपयें प्रतिदिन के हिसाब से देती है जो भारतीय अंपायरों के वेतन से कहीं कम है यहाँ तक की बीसीसीआई मैच रैफरी से भी उनका वेतन बेहद कम है. कुछ समय पहले ही पीसीबी ने अपने क्रिकेट खिलाड़ियों की मैच फीस में वृधि करने का निर्णय नयें फार्मूला के तहत लिया था. नयें वेतन प्रारूप के अनुसार सिर्फ उन्ही खिलाड़ियों को पैसा मिलेगा जो अंतिम 11 का हिस्सा होंगे ना कि हर रीजन के 20 खिलाड़ियों को.