भारतीय टीम में अपनी वापसी का श्रेय सुरेश रैना ने पूर्व भारतीय कप्तान को दिया - क्रिकट्रैकर हिंदी

भारतीय टीम में अपनी वापसी का श्रेय सुरेश रैना ने पूर्व भारतीय कप्तान को दिया

Suresh Raina (Photo Source: Twitter)
Suresh Raina (Photo Source: Twitter)

भारतीय क्रिकेट टीम में इस साल की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका दौरे पर टी-20 टीम में लम्बे समय के बाद सुरेश रैना की वापसी हुयीं थी. रैना ने सैयद मुस्ताक अली ट्राफी में काफी शानदार प्रदर्शन किया था. रैना का भारतीय टीम में ना होना हमेशा एक चर्चा का विषय रहा है क्योंकिं अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद उन्हें टीम से बाहर रखा गया है.

नेशनल टीम में शामिल होने के लिए हर भारतीय खिलाड़ी को यो-यो टेस्ट पास करने आवश्यक हो गया था और रैना इस टेस्ट को पास करने में सफल नहीं हो सके थे जिस वजह से उन्हें टीम इंडिया से अपनी को जगह को उस समय छोड़ना पड़ा था. इसके बाद रैना ने इस टेस्ट को बाद में पास कर लिया था जिसके बाद उनकी वापसी एक बार फिर से ब्लू जर्सी में हो गयीं.

रैना ने अफ्रीका के खिलाफ सीरीज में वापसी से पहले भारतीय टीम के लिए किसी भी फॉर्मेट में जनवरी 2016 में खेला था जिसके बाद उन्हें फिटनेस के कारण टीम से बाहर कर दिया गया था लेकिन एक चैम्पियन खिलाड़ी की तरह रैना ने हर नहीं मानी और रणजी में खराब प्रदर्शन के बाद भी उन्होंने घरेलू टी-20 टूर्नामेंट में बंगाल के खिलाफ 126 रनों की शानदार पारी खेलकर अपने फॉर्म में आने की दस्तक सभी को दे दी थी और समय रैना ने यो-यो टेस्ट भी पास किया जिसके बाद उनकी भारतीय टीम में अफ्रीका के खिलाफ टी-20 सीरीज में वापसी हो गयीं.

दादा ने की मदद

सुरेश रैना ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए अपने इंटरव्यू में बंगाल के खलाफ खेली गयीं अपनी पारी पर बात करते हुए बताया कि किस तरह से उनके लिए ये सारी चीज़े बदल गयीं थी. रैना ने कहा कि “बंगाल के खिलाफ 126 रनों की पारी काफी महत्वपूर्ण थी मेरे लिए, मैं अपने राज्य का नेतृत्व करते हुए टीम के लिए कुछ भी नहीं कर सका था उस समय तक मैं पहली या दूसरी ही गेंद पर आउट हो जा रहा था इसलिए बंगाल के खिलाफ कोलकाता में मारा गया शतक मेरे लिए बिल्कुल सही समय पर आया.”

इस मैच के बाद मैं और हरभजन सिंह भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली के घर पर डिनर के लिए गयें जिसमें हमारे बीच चर्चा हुयीं कि किस तरह से उन्होंने 2006 के समय भारतीय टीम में वापसी करने में सफल हो सके थे और इस समय मैं भी उसी नाव पर सवार हूँ. उनकी बातचीत से मुझे काफी लाभ हुआ और उसके ठीक बाद ही मुझे भारत की टी-20 टीम में शामिल कर लिया गया. जिसके बाद मैंने अफ्रीका और श्रीलंका के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया.

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