इयान चैपल का मानना, टी-20 लीग्स की वजह से तमाम अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा - क्रिकट्रैकर हिंदी

इयान चैपल का मानना, टी-20 लीग्स की वजह से तमाम अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा

गर्मियों में टी-20 लीग्स गांजे की तुलना में ज्यादा बढ़ रही है: इयान चैपल

Ian Chappell
Ian Chappell. (Photo by Ryan Pierse/Getty Images)

पिछले कुछ समय में तमाम अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों ने किसी ना किसी एक प्रारूप में संन्यास लेने का फैसला किया है। ऐसा इसलिए क्योंकि आज के समय में सभी प्रारूपों में काफी क्रिकेट खेला जा रहा है और तमाम क्रिकेटर्स अपने वर्कलोड को संभाल नहीं पा रहे हैं।

बता दें, 2022 में ही बेन स्टोक्स और क्विंटन डी कॉक ने किसी एक प्रारूप से संन्यास की घोषणा कर दी है और कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो कुछ मुकाबलों के बाद क्रिकेट से ब्रेक ले रहे हैं ताकि वो अपने शरीर को आराम दे सकें। इसी को लेकर ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल ने बड़ा बयान दिया है।

इयान चैपल की मानें तो दुनियाभर की तमाम टी-20 लीग्स की वजह से तमाम खिलाड़ियों के ऊपर वर्कलोड काफी बढ़ गया है और इसी वजह से उनको आराम नहीं मिल पा रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर में प्रशासकों और खिलाड़ियों के बीच में सही तरह से बात नहीं हो पा रही है जिसकी वजह से तमाम क्रिकेटरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

ESPNक्रिकइंफो के अपने कॉलम में ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान ने लिखा कि, ‘गर्मियों में टी-20 लीग्स गांजे की तुलना में ज्यादा बढ़ रही है। इसकी वजह से खिलाड़ियों को भी आराम नहीं मिल रहा है और उनको काफी दबाव महसूस हो रहा है।’

टेस्ट प्रारूप को लेकर इयान चैपल ने कहीं यह बात

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान ने अपने कॉलम में टेस्ट प्रारूप की महत्वता को लेकर भी बयान दिया है। उन्होंने इस बात पर जोर डाला कि टेस्ट क्रिकेट को और बेहतर करने के लिए सभी देशों को एक मजबूत बुनियादी ढांचा बनाने की जरूरत है और आयरलैंड और अफगानिस्तान टेस्ट स्टेटस में जगह की हकदार नहीं है क्योंकि उनके पास अभी इस प्रारूप को लेकर बेहतरीन सुविधाएं नहीं है।

इयान चैपल ने आगे लिखा कि, ‘कई टीमें और कई देश ऐसे बुनियादी ढांचे बनाने की क्षमता नहीं रखती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें काफी पैसे लगते हैं और इसमें मुनाफा काफी कम होता है। वहीं टी-20 लीग्स से आपको काफी मुनाफा मिलता है। प्रशासकों को इन सब बातों पर ध्यान देना चाहिए। आयरलैंड और अफगानिस्तान के पास इस समय अच्छा ग्राउंड नहीं है और इसी वजह से उन्हें टेस्ट प्रारूप में दर्जा प्राप्त नहीं देना चाहिए।’

close whatsapp