कामरान अकमल ने जेम्स एंडरसन के कंधे पर बंदूक रख पीसीबी और राष्ट्रीय चयनकर्ताओं पर साधा निशाना - क्रिकट्रैकर हिंदी

कामरान अकमल ने जेम्स एंडरसन के कंधे पर बंदूक रख पीसीबी और राष्ट्रीय चयनकर्ताओं पर साधा निशाना

पाकिस्तान बनाम इंग्लैंड सीरीज का तीसरा और अंतिम टेस्ट मैच 17 दिसंबर से कराची में खेला जाएगा।

James Anderson and Kamran Akmal (Image Source: Getty Images/PCB)
James Anderson and Kamran Akmal (Image Source: Getty Images/PCB)

पाकिस्तान क्रिकेट टीम से बाहर चल रहे अनुभवी विकेटकीपर-बल्लेबाज कामरान अकमल ने मुल्तान टेस्ट में इंग्लैंड की 26 रनों की जीत के बाद जेम्स एंडरसन के कंधे पर बंदूक रख राष्ट्रीय टीम प्रबंधन, चयनकर्ताओं और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) पर निशाना साधा है।

कामरान अकमल ने पीसीबी पर हमला करते हुए कहा कि इंग्लैंड के अनुभवी तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन भाग्यशाली हैं कि वे पाकिस्तान से नहीं हैं, वरना उन्हें उनकी उम्र का हवाला देते हुए राष्ट्रीय टीम से कब का बाहर कर दिया गया होता। आपको बता दें, एंडरसन इस समय इंग्लैंड क्रिकेट टीम के साथ पाकिस्तान के ऐतिहासिक दौरे पर है, जहां मेहमान टीम ने पहले दो मैच जीतकर जारी तीन मैचों की टेस्ट सीरीज अपने नाम कर ली है।

कामरान अकमल ने पाकिस्तान को इंग्लैंड से सीख लेने की सलाह दी

अब इस सीरीज का तीसरा और अंतिम टेस्ट मैच 17 दिसंबर से कराची में खेला जाएगा। जेम्स एंडरसन ने पाकिस्तान के खिलाफ पहले टेस्ट में पांच विकेट लिए थे, जबकि दिग्गज तेज गेंदबाज ने दूसरे टेस्ट मैच में तीन विकेट चटकाएं। इस बीच, कामरान अकमल ने कहा कि पाकिस्तानी चयनकर्ता और टीम प्रबंधन किसी भी खिलाड़ी को एक निश्चित उम्र तक पहुंचने के बाद ड्रॉप करने का तरीका ढूंढते रहते हैं, भले ही वे कितना ही अच्छा प्रदर्शन क्यों न कर रहे हों।

उन्होंने इंग्लैंड क्रिकेट टीम प्रबंधन की अपने सीनियर खिलाड़ियों को सम्मान देने, उनके योगदान को महत्व देने और उनके साथ समान व्यवहार करने के लिए सराहना की। कामरान अकमल ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा: “भगवान का शुक्र है कि जिमी एंडरसन पाकिस्तान से नहीं हैं। अगर वह पाकिस्तान क्रिकेट टीम के लिए खेल रहे होते, तो उन्हें उनकी उम्र का हवाला देते हुए बहुत पहले ही टीम से बाहर कर दिया गया होता।

हमारी टीम के अलावा बाकी अन्य टीमें अपने देश के बारे में सोचती हैं। खैर, हमारे पास ऐसी कोई सुविधा नहीं है। हम देश के बारे में नहीं बल्कि लोगों के बारे में सोचते हैं। एक बार जब कोई खिलाड़ी हमारे टीम प्रबंधन के अनुसार बूढ़ा हो जाता है, तो हम इस बारे में सोचते हैं कि उसे टीम से कैसे बाहर निकाला जाए।”

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