जीता हुआ मैच इन भारतीय खिलाड़ियो की वजह से हार जाती है बांग्लादेश की टीम - क्रिकट्रैकर हिंदी

जीता हुआ मैच इन भारतीय खिलाड़ियो की वजह से हार जाती है बांग्लादेश की टीम

Mahendra Singh Dhoni (Photo by Richard Huggard/Gallo Images/Getty Images)
Mahendra Singh Dhoni (Photo by Richard Huggard/Gallo Images/Getty Images)

हम इसे बांग्लादेश का दुर्भाग्य कहे या भारत का शौभाग्य. जब कभी भी मैच के अंत में बांग्लादेश का सामना भारत के विकेटकीपर बल्लेबाज से होता है तो उसे मुँह की खानी पड़ती है. जिस तरह से निदाहस ट्रॉफी के फाइनल में भारतीय विकेटकीपर दिनेश कार्तिक द्वारा की गई ताबड़तोड़ बल्लेबाजी से मैच का पासा पलटा. उससे इस बात को और अधिक मज़बूती प्रदान की. और भारत इसी कारण निदाहस ट्रॉफी का विजेता भी बन पाया.

दिनेश कार्तिक अंतिम गेंद पर छक्का लगाकर बांग्लादेश के मुँह से मैच छीन लिया. इससे पहले भी कई बार यह कारनामा महेंद्र सिंह धोनी कर चुके है. आइए जानते है ऐसे ही कुछ मैचों के बारे में जिसमें विकेटकीपर बल्लेबाज ने अपना करिश्मा दिखाया हो.

1. एशिया कप फाइनल 2016 धोनी की ताबड़तोड़ पारी: यह मैच वर्षा बाधित होने के कारण 15 ओवर का हुआ था. भारत का हर बल्लेबाज अपने छमता के अनुरूप इस मैच में अच्छा प्रदर्शन किया था. केवल रोहित शर्मा को छोड़ कर. जिस पिच पर यह मैच हो रही थी वह बहुत ही धीमी और टर्निग पिच थी जिसके कारण बांग्लादेश का 15 ओवर में 120 का टारगेट में बड़ा नज़र आ रहा था. मगर धोनी के क्रिज पर आतें ही मैच का नज़ारा बदल गया. इस मैच में अंत में 12 गेंद पर 19 रन भारत को बनाने थे. मगर धोनी ने 7 गेंद शेष रहते ही 2 छक्का और एक चौका जड़ मैच खत्म कर दिया.

2. टी-20 वर्ल्ड कप 2016: धोनी का फुर्तीला रन आउट-यह मैच भारत और बांग्लादेश के बीच टी-20 वर्ल्ड कप का एक रोमांचक मैच माना जाता है. इस मैच में भारत जीत से दूर होता जा रहा था. मगर धोनी ने अपनी फुर्तीला रन आउट से बंगाल के शेरों को परास्त कर दिया. इस मैच में भारत ने केवल 20 ओवर में 147 रन का टारगेट बांग्लादेश को दिया था. इस टारगेट का पीछा करने उतरी बांग्लादेश की टीम जीत के कगार पर थी. मगर हार्दिक पांड्या के करिश्माई ओवर और धोनी के फुर्तीली रन आउट ने भारत को मैच के अंतिम गेंद पर जीत दिला दी. धोनी के इस रन आउट को सर्वाधिक प्रसंसनीय बताया गया था.

इस तरह का कारनामा भारतीय खिलाड़ी ही कर सकते है. क्योंकि भारतीय खिलाड़ियो के हौसले काफी बुलंद होंते है. हर तरह के रिकॉर्ड बनाने के साथ साथ कई रिकॉर्ड तोड़ने की क्षमता भारतीय खिलाड़ियों में नजर आती है.

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