पूर्व चीफ सेलेक्टर एमएसके प्रसाद भारतीय टीम में उमरान मलिक को शामिल नहीं करना चाहते हैं!
प्रसाद का मानना है कि मलिक को राष्ट्रीय टीम में शामिल करने से पहले ए गेम्स और घरेलू क्रिकेट का अनुभव दिया जाना चाहिए।
अद्यतन - मई 8, 2022 1:50 अपराह्न
भारत के पूर्व मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने कहा कि भारतीय टीम में उमरान मलिक के चयन को लेकर जल्दबाजी नहीं की जानी चाहिए। उनका मानना है कि सनराइजर्स हैदराबाद के तेज गेंदबाज को भारतीय राष्ट्रीय टीम में शामिल करने से पहले ए गेम्स और घरेलू क्रिकेट का अनुभव लेना चाहिए। प्रसाद की राय है कि मलिक शुरुआती स्तर पर बहुत कुछ सीखेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसा हो सकता है कि अगर बड़े स्तर पर उनको कामयाबी नहीं मिली तो वह निराश हो सकता है।
चूंकि मलिक को अभी तक ज्यादा एक्सपोजर नहीं मिला है, प्रसाद का मानना है कि घरेलू क्रिकेट के पूरे सीजन के बाद कुछ ए टूर युवा तेज गेंदबाज को अंतरराष्ट्रीय सेटअप के लिए तैयार करने में मदद करेगा। उन्होंने मोहम्मद सिराज का उदाहरण देते हुए कहा कि सीनियर टीम में जगह बनाने से पहले सिराज भी इसी तरह की प्रक्रिया से गुजरे।
एमएसके प्रसाद ने उमरान मलिक को लेकर दिया बड़ा बयान
एमएसके प्रसाद ने फेडरल के हवाले से कहा कि, “मुझे लगता है कि उमरान मलिक को भारतीय टीम में फास्ट ट्रैक करने के बजाय एक सही प्रक्रिया के माध्यम से तैयार किया जाना चाहिए। मुझे पता है कि 150 किमी प्रति घंटे से अधिक की गति से गेंदबाजी करना कभी भी आसान नहीं होती है। लेकिन अगर आप उसे राष्ट्रीय टीम के लिए चुनते हैं और अगर वह अच्छा नहीं करता है, वह निराश हो जाएगा और फिर कहीं का नहीं होगा।”
मलिक की लगातार 150KMPH से गेंदबाजी करने की क्षमता को देखते हुए पूर्व क्रिकेटरों और खेल के दिग्गजों ने पहले कहा था कि उनको आईपीएल 2022 के समापन के बाद राष्ट्रीय टीम का हिस्सा बनाया जाना चाहिए। 22 वर्षीय ने हाल ही में आईपीएल के इतिहास में दूसरी सबसे तेज गेंद फेंकी थी। लेकिन इस बीच प्रसाद ने विस्तार से बताया कि कैसे सिराज ने घरेलू सेटअप में अपने खेल को बदला और मलिक के लिए इसी तरह की तकनीक कैसे काम करेगी।
पूर्व चीफ सेलेक्टर ने आगे कहा कि, “सिराज ने ऑस्ट्रेलिया के अपने पहले पूर्ण टेस्ट दौरे में बहुत अच्छी गेंदबाजी की। वह ऐसा इसलिए कर पाया था क्योंकि उसने भारत ए के लिए करीब 50 विकेट लेकर रेड बॉल क्रिकेट का अनुभव हासिल किया था। मुझे पता है कि बहुत कम लोगों में यह क्षमता है (150 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की गति से गेंदबाजी करने की)। उसे एक प्रक्रिया के माध्यम से तैयार करके राष्टीय टीम में आना चाहिए जिससे कि वह लंबे समय तक भारतीय क्रिकेट की सेवा करेगा।”