सिडनी टेस्ट मैच में विराट कोहली हासिल कर सकते हैं यह ऐतिहासिक उपलब्धि - क्रिकट्रैकर हिंदी

सिडनी टेस्ट मैच में विराट कोहली हासिल कर सकते हैं यह ऐतिहासिक उपलब्धि

Virat Kohli
Virat Kohli. (Photo by Michael Dodge/Getty Images)

भारतीय क्रिकेट इतिहास के सफल कप्तानों की बात की जाए तो सौरव गांगुली और महेंद्र सिंह धोनी का नाम बहुत ऊपर आता है। दोनों ने न केवल अपनी टीम के खिलाड़ियों को जीतना सिखाया बल्कि सही समय पर जोखिम उठाकर कई बार टीम को विजयी बनाया। अपने कुशल नेतृत्व में उन्होंने कई ऐतिहासिक उपलब्धियां टीम को दिलाई।

सौरव और धोनी के पूर्व भी कई सफल कप्तान रह चुके हैं। ये बात और है कि आंकड़े इस बात को नहीं दर्शाते क्योंकि उस समय भारतीय टीम कमजोर थी और एक कमजोर टीम के जरिये सीमित सफलताएं ही हासिल की जा सकती है।

विदेशी धरती पर तो भारतीय टीम का प्रदर्शन और लचर हो जाता था। उसे खेल के हर क्षेत्र में मात मिलती थी। इसलिए भारतीय टीम को घर का शेर कहा जाता था। आजकल तो हर टीम ही घर का शेर हो गई है क्योंकि ऑस्ट्रेलिया, वेस्ट इंडीज और इंग्लैंड पहले जैसी मजबूत नहीं रही।

विदेशी धरती पर टीम कर रही है बेहतर प्रदर्शन : इन्हीं दिनों भारतीय टीम का विदेश में प्रदर्शन बेहद सुधरा है। 2018 में भारतीय टीम ने दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट विजय हासिल की। विशेष कर भारतीय तेज गेंदबाजों के प्रदर्शन में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। इस वजह से बतौर कप्तान विराट का विदेश में प्रदर्शन अच्छा हो गया है।

सबसे सफल कप्तान : कोहली अब विदेश में संयुक्त रूप से सबसे कामयाब भारतीय कप्तान बन गए हैं। इस मामले में उन्होंने पूर्व कप्तान सौरव गांगुली के रिकॉर्ड की बराबरी की। गांगुली के नेतृत्व में भारत ने विदेश में 11 टेस्ट जीते थे। अब कोहली की कप्तानी में भी भारतीय टीम विदेश में 11 टेस्ट जीत चुकी है। कोहली ने 24 टेस्ट में यह मकाम हासिल किया है जबकि सौरव को 28 टेस्ट यहां तक पहुंचने में लगे थे।

3 जनवरी से शुरू होने वाले सिडनी टेस्ट मैच में विराट की टीम जीत हासिल कर लेती है तो विराट विदेश में 12 टेस्ट जीतकर गांगुली से आगे निकल जाएंगे और विदेश में भारत के सबसे सफल कप्तान बन जाएंगे। यह बात और है कि कई लोग अभी भी गांगुली को विराट की तुलना में बेहतर कप्तान मानते हैं।

विराट और सौरव के बाद धोनी और द्रविड़ का नंबर आता है। धोनी ने विदेश में भारत का 30 टेस्ट मैचों में नेतृत्व किया और 6 टेस्ट जीते। जबकि राहुल द्रविड़ ने विदेश में 17 टेस्ट मैचों में कप्तानी की और पांच में जीत हासिल की।

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