ना ब्रैडमैन, ना गावस्कर... सबसे आगे विराट कोहली - क्रिकट्रैकर हिंदी

ना ब्रैडमैन, ना गावस्कर… सबसे आगे विराट कोहली

Virat Kohli
Virat Kohli. (Photo Source: Twitter)

क्रिकेट के मैदान पर विराट कोहली हर दिन सफलता की नई स्क्रिप्ट लिख रहे हैं। हर मैच , हर सीरीज के साथ कोई ना कोई रिकॉर्ड उनके नाम दर्ज हो रहा है। खासकर, जब से उन्होंने टीम इंडिया की बागडोर संभाली है तब से तो जैसे क्रिकेट की रिकॉर्ड बुक ही विराट कोहली के रिकॉर्ड बुक में तब्दील हो गई है। टीम को जीत दिलानी हो या फिर हार के चुंगल से निकालना, आक्रामक कप्तान की छवि वाले विराट हर रोल में फिट हैं और भारतीय टीम को फ्रंट से लीड करते दिख रहे हैं।

नागपुर टेस्ट की पहली पारी में जमाया शतक भी विराट कोहली की इसी काबिलियत का नमूना है। ये उनके टेस्ट करियर का 19वां शतक है जबकि बतौर कप्तान उनके बल्ले से निकला 12वां शतक है। इस शतक के साथ विराट टेस्ट टीम की कप्तानी करते हुए सबसे ज्यादा शतक लगाने वाले भारतीय बल्लेबाज बन गए हैं। इस मामले में उन्होंने सुनील गावस्कर के 11 शतकों के रिकॉर्ड को तोड़ा है। यही नहीं बतौर कप्तान टेस्ट में सबसे ज्यादा 6 बार 150+ का स्कोर करने वाले भारतीय बल्लेबाज भी अब विराट कोहली ही हैं। इस मामले में विराट ने गावस्कर और अजहर को पीछे छोड़ा है, जिनके नाम टेस्ट क्रिकेट में 5 बार 150+ का स्कोर दर्ज है।

वैसे, नागपुर में शतक जमाकर विराट ने सिर्फ पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर को ही पीछे नहीं छोड़ा है बल्कि ब्रैडमैन और पॉन्टिंग जैसे सफल ऑस्ट्रेलियाई कप्तानों को भी पीछे छोड़ दिया है। टेस्ट क्रिकेट में 5 से ज्यादा शतक लगा चुके कप्तानों में विराट का कन्वर्जन रेट सबसे बेहतर हो गया है। इस मामले में कोहली ने डॉन ब्रैडमैन को पीछे छोड़ दिया है। टेस्ट क्रिकेट में शतकों के मामले में कोहली का कन्वर्जन रेट 73 फीसदी का है जबकि ब्रैडमैन का कन्वर्जन रेट सिर्फ 67 फीसदी ही है।

श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में अपना दूसरा शतक जड़ते हुए  विराट एक कैलेंडर ईयर में सबसे ज्यादा 10 शतक लगाने वाले दुनिया के इकलौते कप्तान भी बन चुके हैं। इस मामले में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पॉन्टिंग और साउथ अफ्रीका के पूर्व कप्तान ग्रेम स्मिथ के 9 टेस्ट शतकों के रिकॉर्ड को तोड़ा है। विराट अपने समकक्ष कप्तानों पर तो खुद को बीस साबित कर ही चुके हैं, और अब मैच दर मैच रिकॉर्ड बनाते हुए उन्होंने अपने कदम सर्वकालिक महान कप्तान बनने की ओर भी बढ़ा दिए हैं।

लेखक- कुमार साकेत

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