क्या संजू सैमसन आउट थे या नॉट आउट? शेन वॉटसन ने दिया सटीक जवाब

क्या संजू सैमसन आउट थे या नॉट आउट? शेन वॉटसन ने रखी अपनी राय

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व ऑलराउंडर शेन वॉटसन ने संजू सैमसन के आउट वाले विवाद पर अपनी राय रखी है।

Shane Watson statement on Sanju Samson (Pic Source X)
Shane Watson statement on Sanju Samson (Pic Source X)

दिल्ली कैपिटल्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच मंगलवार को अरुण जेटली स्टेडियम में मैच खेला गया। इस मैच में संजू सैमसन जब आउट करार दिए गए तो बड़ा हंगामा खड़ा हुआ। दिल्ली द्वारा दिए गए 222 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए राजस्थान की शुरुआत खराब रही। यशस्वी जायसवाल और बटलर सस्ते में आउट हो गए।

इसके बाद संजू सैमसन ने राजस्थान की पारी को संभालने की जिम्मेदारी ली। एक तरफ से विकेट गिर रहे थे, लेकिन संजू मजबूती से मैदान में डटे रहे। लेकिन इसी बीच संजू आउट हो गए, और उनका ये विकेट विवादित हो गया है।

संजू सैमसन कैसे आउट हुए?

मुकेश कुमार के 16वें ओवर की पांचवीं गेंद पर संजू सैमसन ने लॉन्ग ऑन की ओर शॉट खेला और गेंद सीधे बाउंड्री के पार चली गई। उनका कैच वहां फील्डिंग कर रहे शाई होप ने पकड़ा। लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो सका कि होप का पैर सीमा रेखा को छू गया था या नहीं। इसलिए मैदानी अंपायर ने फैसला तीसरे अंपायर के पास भेजा और तीसरे अंपायर ने उन्हें आउट करार दिया।

लेकिन मैदान पर लगी बड़ी स्क्रीन पर होप का एक पैर सीमा रेखा को छूता हुआ दिखा। मैदान पर मौजूद संजू सैमसन ने भी यह देखा और अंपायर के फैसले से नाखुश दिखे और मैदानी अंपायर से इस पर चर्चा करते दिखे। आउट होने के बाद भी संजू मैदान नहीं छोड़ रहे थे।

शुरुआत में संजू पवेलियन की ओर जाने लगे, लेकिन बाद में वापस आए और अंपायरों से बात करने की कोशिश की। लेकिन मैदान पर मौजूद अंपायर कुछ सुनने को तैयार नहीं थे। उन्होंने कहा कि फैसला हो चुका है और सामने आ गया है। सैमसन ने रिव्यू की भी कोशिश की लेकिन तीसरे अंपायर ने उन्हें आउट करार दिया। यहां तक ​​कि राजस्थान के डगआउट में बैठे कोच और खिलाड़ी भी इस फैसले से संतुष्ट नहीं थे।

क्या संजू सैमसन आउट थे?

इस बीच ऑस्ट्रेलिया के पूर्व ऑलराउंडर शेन वॉटसन ने इस घटना पर अपनी राय रखी है। JioCinema पर इस घटना के बारे में बात करते हुए तीसरे अंपायर के फैसले का मजबूती से समर्थन किया।

वॉटसन ने कहा-

“ऐसा लग रहा था कि बाउंड्री रोप में कुछ गड़बड़ी हो गई होगी थी। सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह था कि तीसरे अंपायर ने यह देखा कि फील्डर किसी तरह रस्सी को छूने में कामयाब रहा या नहीं। यह बेहद करीबी मामला था, लेकिन सिर्फ पेयर की उंगलियों पर खड़े रहकर शाई हॉप ने जो कैच पकड़ा वह काबिले तारीफ था।”

“फैसले को लेकर संकोच था, लेकिन अंत में, तीसरे अंपायर ने निर्णय सही लिया, मुझे उनके फैसले से पूरी सहमति है।”

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