किसी को उम्मीद नहीं थी कि इंडियन प्रीमियर लीग भविष्य में इतना बड़ा नाम हो जाएगा: वीरेंद्र सहवाग - क्रिकट्रैकर हिंदी

किसी को उम्मीद नहीं थी कि इंडियन प्रीमियर लीग भविष्य में इतना बड़ा नाम हो जाएगा: वीरेंद्र सहवाग

वीरेंद्र सहवाग ने खुलासा किया कि ऑक्शन के बारे में भारतीय टीम को पहली बार तब बताया गया जब वो 2007/08 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर थे।

Virender Sehwag (Pic Source-Twitter)
Virender Sehwag (Pic Source-Twitter)

इंडियन प्रीमियर लीग का पहला सत्र 2008 में खेला गया था। तबसे यह लीग एक ब्रांड बन गया है। कई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी इस शानदार लीग में हिस्सा लेना चाहते हैं। भारतीय खिलाड़ी भी इसका बेसब्री से इंतजार कर रहे होते हैं। हाल ही में भारत के पूर्व बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने इस बात का खुलासा किया कि जब भारतीय खिलाड़ियों को यह बताया गया था कि ऑक्शन होने वाला है तब उनका रिएक्शन काफी मजेदार था।

सहवाग ने खुलासा किया कि ऑक्शन के बारे में भारतीय टीम को पहली बार तब बताया गया जब वो 2007/08 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर थे। यह ऑक्शन 20 फरवरी, 2008 को हुआ था। वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि, ‘काफी समय हो गया है, बच्चे बड़े हो गए हैं और अब वो लोग क्रिकेट खेल रहे हैं। उनको देखकर लगता है कि हम भी बड़े हो गए हैं। मैं आज भी वो दिन नहीं भूल सकता जिस दिन हमें इस लीग के बारे में पहली बार बताया गया था।’

वीरेंद्र सहवाग ने आगे कहा कि पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुनील गावस्कर और रवि शास्त्री पहली बार इस आईडिया के साथ खिलाड़ियों के पास पहुंचे थे।

इंडियन प्रीमियर लीग के पहले सत्र में दिल्ली ने सहवाग को अपनी टीम में शामिल किया था

वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि, ‘हम सब ऑस्ट्रेलिया में थे। सुनील गावस्कर और रवि शास्त्री हमारे पास आए और कहा कि इंडियन प्रीमियर लीग नाम का एक टूर्नामेंट है जो होने वाला है। हम सब यह सोच रहे थे कि क्या यह लीग सफल होगी या नहीं। हम अपने सभी अधिकार दे रहे हैं लेकिन क्या होगा अगर हमें इससे कुछ भी ना मिले।

लेकिन उन्होंने यह बात हमें समझाई कि यह भविष्य में बहुत बड़ी लीग होगी। आप जितना अधिकार इस टूर्नामेंट को देंगे उससे कई ज्यादा आप कमाएंगे। पैसे की बात और थी लेकिन हमने कभी नहीं सोचा था कि इतने बड़े प्लेटफार्म में नए खिलाड़ियों को मौका मिलेगा और वो हमारी जगह लेंगे।’

इंडियन प्रीमियर लीग के पहले सत्र में सहवाग को दिल्ली डेयरडेविल्स ने अपनी टीम में शामिल किया था जिसका नाम अब दिल्ली कैपिटल्स हो चुका है। उनका साथ गौतम गंभीर ने भी बखूबी निभाया लेकिन टीम कभी भी इस ट्रॉफी को अपने नाम नहीं कर पाई।

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