“मैंने कब बेरोगजार कहा….?” LSG फैन से हुई लखनऊ के फील्डिंग कोच जोंटी रोड्स की इंटरनेट पर लड़ाई, जानें क्या है लफड़ा?
जोंटी रोड्स को अपने ट्वीट पर सफाई देनी पड़ी है।
अद्यतन - अप्रैल 10, 2024 5:48 अपराह्न
लखनऊ सुपर जायंट्स के फील्डिंग कोच और पूर्व साउथ अफ्रीकी स्टार जोंटी रोड्स (Jonty Rhodes) हाल ही में काफी चर्चा का विषय बन गए हैं। उन्होंने X (पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) पर लखनऊ सुपर जायंट्स के एक फैन के साथ तू-तू मैं-मैं कर लिया है। दरअसल, यह फैन दस दिनों से अधिक समय से लखनऊ टीम की जर्सी की खोज में था। इसके वजह से वह LSG द्वारा किए हर पोस्ट पर कमेंट्स करता था कि जर्सी मांगते हुए मुझे 8 दिन हो गए 10 दिन हो गए। यह देखकर LSG फील्डिंग कोच से रहा नहीं गया और उन्होंने फैन द्वारा किए जा रहे इस अनुरोध पर रिप्लाई कर दिया है। उनके रिप्लाई के बाद मामला थोड़ा पेचीदा हो गया।
दरअसल, ट्वीट में रोड्स ने उस फैन से कहा कि वह LSG के प्रति दिखाए गए समर्थन की सराहना करते हैं, लेकिन उन्होंने इसके बाद यह कह दिया, भाई क्यों दिन गिन रहे हो जाके कुछ काम करो। रोड्स का जवाब देखकर फैन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बवाल खड़ा कर दिया और जिसके वजह से रोड्स को फिर से ट्वीट पर सफाई देनी पड़ी है।
फैंस इस बात से नाराज हो गया है कि रोड्स ने शायद उसे बेरोगजार कहा है। उसने सोशल मीडिया पर रोड्स से जवाब भी मांगा कि उनकी हिम्मत कैसे हुई उसे बेरोजगार कहने के लिए। फैन के द्वारा यह पूछने पर की उन्होंने बेरोजगार क्यों कहा? इस पर रोड्स ने एसिड अटैक सर्वाइवर्स के साथ बिताए अपने समय को याद करते हुए तस्वीर शेयर की और ये बात कही-
Please tell me where I said you are jobless? Don’t tag me in your countdown, if you don’t want an honest response. I have spent time with acid attack survivors at Sheroes Hangout, here in Lucknow. These incredible young women have to wait between 5-7yrs before the perpetrators of… https://t.co/0ZiBbG00ui pic.twitter.com/HB1pTrG139
— Jonty Rhodes (@JontyRhodes8) April 10, 2024
यहां देखें रोड्स का ट्वीट
“कृपया मुझे बताएं कि मैंने कहां कहा था कि आप बेरोजगार हैं? यदि आपको सही जवाब नहीं चाहिए तो मुझे अपनी गिनती में टैग ना करे कि इतने दिन से जवाब नहीं मिल रहा। मैंने यहां लखनऊ में शीरोज हैंगआउट में एसिड अटैक सर्वाइवर्स के साथ समय बिताया है। इन अविश्वसनीय युवा महिलाओं के ऊपर जो यह भयानक अत्याचार हुआ है इसका न्याय पाने के लिए और अपराधियों को सजा दिलाने के लिए 5-7 साल तक इंतजार करना पड़ता है। इन महिलाओं के लिए मेरे पास बहुत समय है, क्योंकि वे हमसे कुछ नहीं मांगती हैं, सिवाय इसके कि हम उन्हें ऐसे लोगों के रूप में देखें, जो अभी भी समाज में योगदान दे सकते हैं। वे 1500वें दिन से न्याय की उम्मीद कर रही हैं और बस दिन गिन रही हैं। इसलिए अपने बारे में कोई मुद्दा बनाने से पहले, उनकी उल्टी गिनती के बारे में भी सोच लें। अगर मैंने आपको ठेस पहुंचाई है तो मुझे खेद है।”