…तो क्या अब टीम इंडिया में कभी नहीं आ पाएगा 54 मैचों में 300 विकेट लेने वाला गेंदबाज़
अद्यतन - जनवरी 21, 2019 9:08 पूर्वाह्न
ऑस्ट्रेलिया टीम को उसी की सरजमी पर हराने के बाद टीम इंडिया के खिलाड़ियों के हौंसले काफी बुलंद हैं। ऑस्ट्रेलिया में कप्तान कोहली के नेतृत्व में टीम इंडिया ने कंगारू टीम को टेस्ट और वनडे सीरीज में हराकर पटकनी दी है। अब टीम इंडिया के लिए अगली चुनौती कीवी टीम पेश करेगी।
भारतीय टीम छोटे दौरे पर न्यूजीलैंड जा रही है। जहां पांच वनडे और तीन टी20 मैचों की सीरीज़ खेली जानी है। 23 जनवरी को पहला वनडे मैच नेपियर के मैदान में खेला जाएगा।
न्यूजीलैंड दौरे पर टीम इंडिया फिर अपने दो नए उभरते स्पिनर्स के साथ खेलने के लिए उतरेगी। बात कर रहे हैं कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल के बारे में।
इन दोनों गेंदबाज़ों ने अपने बेहतरीन प्रदर्शन के बाद टीम में अपनी जगह पक्की कर ली है। लेकिन इन दोनों गेंदबाज़ों के आने के बाद टीम इंडिया के सबसे बेहतरीन ऑफ स्पिनर आर अश्विन का टीम में लौटना बड़ा ही मुश्किल नज़र आ रहा है।
आर अश्विन की बेहतरीन गेंदबाज़ी
टीम इंडिया के ऑफ स्पिनर जब खराब प्रदर्शन से जूझ रहे थे। तभी उन दिनों आर अश्विन ने टीम में दस्तक दी और अपने बेहतरीन प्रदर्शन के बाद टीम में पर्मानेंट स्पिनर गेंदबाज़ के तौर पर खेलते रहे।
अश्विन ने अपनी गेंदबाज़ी से कप्तान और सेलेक्टर्स को इतना प्रभावित किया कि वह तीनों फॉर्मेट में टीम में जगह बनाने में कामयाब रहे।
5 जून साल 2010 को श्रीलंका टीम के खिलाफ डेब्यू करने वाला ये गेंदबाज़ एक साल के भीतर भारतीय टीम का सबसे सफल ऑफ स्पिनर बनकर उभरा।
टीम इंडिया ने इसके बाद जितनी भी टेस्ट सीरीज़ घरेलू मैदान पर जीतीं उन मैचों में अश्विन का अहम योगदान रहा।
54 मैचों में 300 विकेट लेने का कारनामा
27 नवंबर साल 2017 को इस गेंदबाज़ ने टेस्ट क्रिकेट में एक नया इतिहास रच दिया। श्रीलंका के खिलाफ अपने 54 मैच में ही अश्विन ने 300 विकेट पूरे कर लिए। उन्होंने 36 साल पुराना डेनिस लिली का रिकॉर्ड तोड़ा।
लिली ने साल 1981 में अपने 56वें मैच में 300 विकेट पूरे किए थे। अश्विन ने दो मैच पहले ही ये कारनामा करके उनका पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया।
कुलदीप यादव और चहल ने बढ़ाईं मुश्किलें
साल 2017 के बाद से ही आर अश्विन टीम इंडिया में जगह बनाने के लिए मशक्कत कर रहे हैं। अश्विन ने साल 2017 की 30 जून को वेस्टइंडीज़ टीम के खिलाफ अपना आखिरी वनडे खेला था।
सबसे पहले अश्विन के लिए मुश्किल रविंद्र जडेजा ने बढ़ाई।
अश्विन के खराब प्रदर्शन के बाद जडेजा को टीम में मौका दिया गया। जिसे जडेजा भुनाते चले गए। इसके बाद कुलदीप यादव ने भारतीय टीम में दस्तक दी।
कुलदीप यादव टीम इंडिया के इतिहास में पहले चाइनामैन गेंदबाज़ हैं। जिसका उन्हें लाभ मिला। यही कारण है कि कुलदीप यादव तीनों फॉर्मेट में टीम का हिस्सा बन चुके हैं।
चहल भी कुलदीप की तरह बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी वनडे में मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में अपने सीरीज़ के पहले ही मैच में चहल ने 42 रन देकर 6 विकेट चटका दिए।
इन दोनों गेंदबाज़ों के बेहतरीन प्रदर्शन के बाद अश्विन की टीम में वापसी मुश्किल लग रही है।
माना जा रहा है कि वर्ल्डकप 2019 में कुलदीप और चहल अश्विन की जगह टीम में जगह पाने में सफल हो सकते हैं।