हरभजन सिंह ने किया 'मंकीगेट' विवाद की सच्चाई का किया खुलासा, बताया कैसे उन्हें अपमान झेलना पड़ा - क्रिकट्रैकर हिंदी

हरभजन सिंह ने किया ‘मंकीगेट’ विवाद की सच्चाई का किया खुलासा, बताया कैसे उन्हें अपमान झेलना पड़ा

हरभजन सिंह 'मंकीगेट' कांड के पीछे की सच्चाई का खुलासा विस्तार में अपनी ऑटोबायोग्राफी में करेंगे।

Andrew Symonds of Australia watches Harbhajan Singh. (Photo Source: Getty Images)
Andrew Symonds of Australia watches Harbhajan Singh. (Photo Source: Getty Images)

भारत के दिग्गज पूर्व ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने साल 2021 दिसंबर में क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। उसके बाद उन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि वह अपने करियर के सबसे बड़े विवाद यानी ‘मंकीगेट’ कांड के पीछे की सच्चाई का खुलासा अपनी ऑटोबायोग्राफी में करेंगे।

बता दें, यह घटना जनवरी 2008 में ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच सिडनी (SCG) में खेले गए टेस्ट मैच के आखिरी दिन घटित हुई थी। यह टेस्ट मुकाबला प्रसिद्ध ‘मंकीगेट’ कांड के लिए क्रिकेट जगत में जाना जाता हैं। इसके अलावा यह मैच स्टीव बकनर और मार्क बेन्सन की अंपायरिंग गलतियों के लिए भी प्रसिद्ध है।

इस टेस्ट मैच के दौरान एंड्रयू साइमंड्स ने आरोप लगाया था कि हरभजन सिंह ने उन पर नस्लीय टिप्पणी की और उन्हें मंकी कहा। तभी से इस विवाद का नाम ‘मंकीगेट’ पड़ गया।

आपको बता दें, हरभजन सिंह और एंड्रयू सायमंड्स के बीच हुई नोक-झोंक सिडनी कोर्ट तक पहुंच गई थी। हालांकि, इस विवाद पर हरभजन सिंह के खिलाफ नस्लीय टिप्पणी के कोई सबूत नहीं मिले।

उस कुख्यात घटना का सबसे बुरा परिणाम हरभजन सिंह को भुगतना पड़ा था। हाल ही में, पूर्व स्पिनर ने खुलासा किया कि आखिर वास्तव में हुआ क्या था और इस घटना ने उन्हें कैसे प्रभावित किया। उन्होंने यह भी कहा किसी ने भी उनकी सच्चाई और उनका पक्ष जानने की कोशिश या परवाह नहीं की।

मंकीगेट कांड पर बोले हरभजन सिंह

हरभजन सिंह ने बैकस्टेज विद बोरिया शो पर खेल पत्रकार बोरिया मजूमदार से बात करते हुए बताया, “मैं परेशान था और सोच रहा था कि यह सब क्यों हो रहा है। जो चीजे हुई ही नहीं हैं उन्हें गलत तरीके से बाहर क्यों उड़ाई जा रही है?

जबकि मैंने कुछ भी नहीं कहा था और न किसी ने कुछ सुना था। फिर भी मेरे द्वारा किए गए कृत्य के लिए 6-7 गवाह थे। उल्टा मुझसे यह कहा गया था कि ‘तुम्हारे सिर पर आरोप है’, मेरे लिए यह सुनना और मेरे धर्म का अपमान होते देखना बहुत कष्टदायक था।”

उन्होंने आगे कहा, “केवल मैं ही जानता था कि मैं उस कठिन दौर में कैसे अपने कमरे में समय बिताता था। मैंने कभी भी खिलाड़ियों या टीम प्रबंधन से बात करने के बारे में नहीं सोचा क्योंकि वे वैसे भी मेरे साथ थे। पूरी घटना में, वे मेरा समर्थन कर रहे थे। चूंकि मेरा तनाव का स्तर पहले ही एक निश्चित स्तर से आगे पहुंच गया था।

इसलिए मैं किसी और को परेशान नहीं करना चाहता था। इसलिए, जो कुछ भी हुआ उससे मुझे खुद ही निपटना पड़ा और मुझे खुशी है कि मैं ऐसा कर पाया। मैं इस बात से खुश हूँ कि उस घटना के बाद मैं ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड दौरों पर गया और भारत के लिए मैच भी जीते।

हरभजन सिंह ने अंत में कहा कि सिडनी में जो कुछ भी हुआ वह नहीं होना चाहिए था, और इसे भूल जाना ही बेहतर होगा। मैंने भी इस घटना के बारे में कभी भी अपने पक्ष को विस्तार से नहीं बताया लेकिन, लोगों को इसके बारे में विस्तार में मेरी आने वाली आत्मकथा में पता चलेगा।

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