भारतीय टीम में वापसी को लेकर बेताब युवराज ने उठाया बड़ा कदम
CricTracker जूनियर स्टाफ लेखिका
अद्यतन - नवम्बर 23, 2017 2:14 अपराह्न

भारत के विश्व कप 2007 व 2011 की जीत के पूरे टूर्नामेंट में हीरो रहे युवराज सिंह आज कल एक विवाद में फंसते नज़र आ रहे है। दरअसल युवराज सिंह इन दिनों पंजाब की ओर से रणजी मैच खेलने के बजाय राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में फिटनेस ट्रेनिंग कर रहे हैं जिसे लेकर बीसीसीआई उनसे नाराज नजर आ रही है।
युवराज अभी तक पंजाब के पांच में से चार रणजी मैचों में नहीं खेले हैं। वह विदर्भ के खिलाफ सिर्फ एक मैच में खेले हैं जिसमें उन्होंने 20 और 42 रन बनाए। ऐसे कयास लगाये जा रहे हैं की युवराज सिंह इन दिनों रणजी मैचों से ज्यादा टीम इंडिया में जगह बनाने को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं। जिसके लिए एक बार यो-यो टेस्ट में असफल साबित होने के बाद दोबारा उसे पूरी तरह से पास करना चाहते हैं।
युवराज टीम इंडिया में जगह बनाने के साथ-साथ आने वाले अगले साल के आईपीएल नीलामी पूल पर भी कही न कही ध्यान दे रहे हैं क्योंकि टीमों के लिए भारतीय टीम से बाहर चल रहे खिलाड़ी को लेना पहला विकल्प नहीं होता।
युवराज के ऐसा करने पर बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा, “क्या इसका मतलब है कि अगर वह 16.1 (भारतीय टीम प्रबंधन द्वारा निर्धारित फिटनेस मानक) को हासिल कर लेते हैं और उनके खाते में कोई रन नहीं होते हैं तो क्या उन्हें श्री लंका के खिलाफ सीमित ओवरों की सीरीज के लिए चुना जाएगा? हालांकि युवराज से इस मामले पर बातचीत नहीं की जा सकी है।”
तो अब प्रश्न ये उठता है की टीम इंडिया में जगह पाने के लिए खिलाडियों को सिर्फ यो-यो टेस्ट पास करना होगा या हमेशा की तरह सीधे रणजी ट्राफी के प्रदर्शन के दम पर खिलाडी को टीम में जगह दी जाएगी। तो अब चयनकर्ताओं के सामने ये विवाद एक मुसीबत का कारण बन सकता है। वहीँ अगर देखा जाये तो ईशांत शर्मा जो की भारतीय टीम का हिस्सा होने के बावजूद भी उन्हें कोलकता टेस्ट से एक दिन पहले ही रिलीज कर दिया ताकि वह महाराष्ट्र के खिलाफ रणजी ट्रोफी मैच खेल सकें।
इससे ये साफ़ जाहिर होता है की अगर युवराज सिंह टीम इंडिया में जगह पाने के लिए ऐसा कर रहे है तो ये भारत की सबसे बड़ी प्रथम श्रेणी प्रतियोगिता रणजी ट्राफी की गरिमा को ठेस पहुंचता है। हालांकि मामले की पूरी असलियत युवी के इस मामले पर बयान आने के बाद ही साफ़ होगी।