युवी ने माना वो नाकाम है मगर उम्मीद नही छोड़ेंगे
अद्यतन - दिसम्बर 5, 2017 6:05 अपराह्न

भारतीय खिलाड़ी युवराज सिंह जिन्होंने साल 2007 और 2011 के विश्व कप टूर्नामेंट के जीत के हीरो थे. लेकिन अभी टीम से बाहर चल रहे युवराज सिंह 2019 में होने वाले विश्व कप में खेलने की उम्मीद लगाए बैठे है. युवराज ने यूनिसेफ के एक कार्यक्रम के दौरान स्वीकार किया है कि वो नाकाम है और इस बात को स्वीकार करने में उन्हें कोई परहेज नही है लेकिन वो 2019 तक उम्मीद नही छोड़ने वाले है.
युवराज ने यूनिसेफ के एक कार्यक्रम में कहा ‘मैं असफल रहा हूं, मैं अभी नाकाम हूं, मैं तीन फिटनेस परीक्षणों में असफल रहा लेकिन मैं रविवार को अपना फिटनेस टेस्ट पास कर लिया. और 17 साल बाद भी मैं अब भी असफल हो रहा हूं. युवराज ने कहा मैं अपने करियर को लेकर फैसला खुद करूँगा. मैं असफलता से डरता नही हूँ, मैं कई उतार चढ़ाव से गुजरा हूं, मैंने हार देखी है जो सफलता का सतंभ है.
आगे कहते हुए युवराज ने कहा की एक सफल इंसान और खिलाड़ी बनने के लिए आपको नाकाम होना और हराना जरूरी है तब जाकर आप एक मजबूत इंसान बनेंगे और आगे बढ़ेंगे. युवराज की माने तो हाल में खेले गए मैच में अच्छा परफॉर्मेंस नही देने की वजह से कितने लोगों को उनपर विश्वास है या नही. लेकिन मैने खुद पर विश्वास करना नही छोड़ा है. मैं अब भी खेल रहा हूँ और मैं ये नही जानता कि आगे किस फॉर्मेट के खेलने जा रहा हूं और पहले की तरह आज भी उतना ही मेहनत कर रहा हूं. हो सकता है पहले ज्यादा मेहनत कर रहा हूं. क्योंकि मेरी उम्र भी बढ़ रही है और 2019 तक मैच खेल सकता हूँ उसके बाद ही कोई फैसला लूंगा.
खबर ये भी है कि युवराज ने यो यो टेस्ट पास कर लिया है जिसमे वो पहले असफल थे. बीसीसीआई के अधिकारी कुछ दिन पहले युवराज के रास्ट्रीय क्रिकेट अकैडमी में फिटनेस ट्रेनिंग करने की वजह से नाराज चल रहे थे. क्योंकि बीसीसीआई चाहती थी वो पंजाब की ओर से रणजी मैच खेले.