युजवेंद्र चहल ने बताया कि किस तरह से विराट कोहली ने उनके जीवन पर अपना प्रभाव डाला है - क्रिकट्रैकर हिंदी

युजवेंद्र चहल ने बताया कि किस तरह से विराट कोहली ने उनके जीवन पर अपना प्रभाव डाला है

yuzvendra chahal with captain virat kohli
yuzvendra chahal with captain virat kohli (Photo Source: Twitter)

भारतीय टीम के लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल ने विश्व क्रिकेट में अपने कदम काफी सावधानी के साथ रखे है. 2016 से जबसे उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अपने कदम रखे है उसके बाद से वह लगातार बेहतर होते चले जा रहे है. चहल मौजूदा समय में लिमिटेड ओवर में भारतीय टीम के महत्वपूर्ण सदस्य हो चुके है. यदि पहले की बात करे तो चहल को भारतीय टीम में मौका मिलने की सबसे बड़ी वजह आईपीएल था जिसमें उन्होंने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलौर के लिए बेहद शानदार प्रदर्शन किया था.

विराट कोहली की कप्तानी में आरसीबी टीम से खेलते हुए चहल ने दबाव के मौकों पर शानदार खेल दिखाया था अब युजवेंद्र चहल मौजूदा समय में कोहली की कप्तानी में ही अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहे है. ब्रेकफास्ट विद चैम्पियन के शो में जब कुछ दिन पहले युजवेंद्र चहल आयें थे तो उन्होंने यह बात कही थी कि कोहली उनके बड़े भाई के जैसे है जिन्होंने मुझे जीवन के बारे में काफी कुछ सिखाया है.

युजवेंद्र चहल ने अपने बयान में कहा कि “विराट भैया ने मुझे काफी प्रेरणा दी है फिर चाहे वह खेल के दौरान हो या खेल के बाद उन्होंने मेरी काफी मदद की जिसने मुझे जीवन में कुछ अलग सोचने का मौका दिया और मैंने फिट रहने के बारे की सोची. अब मैं इस बात को समझ चुका हूँ कि फिटनेस कितनी जरुरी है. यहाँ तक की मैं अब वर्कआउट के बाद काफी अच्छा महसूस करता हूँ.”

अपने आदर्श खिलाड़ी पर

जब इस शो में युजवेंद्र चहल से उनके आदर्श खिलाड़ी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने ऑस्ट्रेलियन क्रिकेट टीम में पूर्व लेग स्पिनर शेन वार्न का नाम लिया. साथ ही चहल ने इस बात का भी खुलासा कि वह उन्ही के एक्शन की तरह गेंदबाजी करने का प्रयास करते थे अपने शुरूआती दिनों में लेकिन कुछ मैच के बाद उन्होंने अपने गेंदबाजी एक्शन में कुछ बदलाव करने का निर्णय लिया.

“शेन वार्न मेरे क्रिकेटिंग हीरो है, जब मैं 14 साल का था तो उन्हीं की तरह गेंदबाजी करने का प्रयास करता था. जब मैं हरियाणा में अंडर 19 खेलने के लिए पहुंचा तो मैंने अपने एक्शन में बदलाव किया मैच के बीच में ही. मैं थोड़ा और अधिक भागा जिससे स्पिन थोड़ा कम हो सके जो मेरे लिए काफी अच्छा निर्णय साबित हुआ. अब मैं दबाव के समय अधिक नहीं सोचता हूँ क्योंकि मानसिक रूप में मैं मजबूत हो चुका हूँ.”

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