5 ऐसे क्रिकेट खिलाड़ी जिनके जीवन पर बनी फिल्म साबित हो सकती है ब्लॉकबस्टर
अद्यतन - जून 22, 2018 2:39 अपराह्न
एक ब्लॉकबस्टर फिल्म के लिए क्या चाहिए होता है जिसकी कहानी दर्शकों को सिनेमा हाल तक खींचकर लेकर आ सके जिसके बाद उन्हें यह एहसास हो कि वह फिल्म एक अद्भुत थी. अब फिल्म निर्माता भी एक ऐसी कहानी की खोज में रहते है जो सच्ची घटनाओं पर आधारित हो और इसमें उन्हें क्रिकेट जगत में कुछ खिलाड़ियों के जीवन पर फिल्म बनाना काफी अच्छा लगा जो बॉक्स ऑफिस पर दर्शकों की बेहद पसंद भी आयीं.
हम सभी ने सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट मैदान में बढ़ते हुए देखा जो एक ऐसे परिवार से आतें थे जहाँ पर पढ़ाई को लेकर विशेष ध्यान दिया जाता था. महेंद्र सिंह धौनी की कहानी कि कैसे वह रांची जैसे छोटे शहर से आने के बाद भी भारतीय टीम के कप्तान बन जाते है और ऐसी बहुत सारी कहानी कि जिन्हें फैन्स ने काफी पसंद किया है.
सिर्फ धौनी और सचिन ही नहीं बाकी भी ऐसे काफी क्रिकेट खिलाड़ी जिनके जीवन को लेकर फ़िल्में बन सकती है. हर इंसान के जीवन में एक ऐसे घटना घटित होती है जो उसके जीवन को आगे बढाने का काम करती है. बायोपिक पर अब बॉलीवुड भी काफी जोर देने लगा है क्योंकि फैन्स को ऐसी फ़िल्में काफी पसंद आती है और जब वह किसी क्रिकेट खिलाड़ी की होती है.
1 – सुरेश रैना
भारतीय क्रिकेट टीम के एक ऐसे खिलाड़ी जिन्होंने हर तरह से खुद को साबित किया है लिमिटेड ओवर फॉर्मेट में. सुरेश रैना ने अपने बचपन में काफी बुरा समय बिताया है जिसने उन्हें आत्महत्या करने तक तक पर सोचने के लिए मजबूर कर दिया था. लेकिन इसके बाद जब रैना ने लखनऊ स्पोर्ट्स हॉस्टल ज्वाइन किया उसके बाद उनके जीवन में बदलाव आया.
उनके सीनियर ने उन्हें ठंडे पानी से नहला दिया था इसके बाद उन्हें ठंड के मौसम में खुले में सोने पर मजबूर कर दिया था. इसके बाद उनके उपर दूध की बाल्टियाँ तक पलटा दी थी जो बेहद ही बुरा था. कुछ लोगों ने उनके उपर पेशाब भी की थी और 13 साल के रैना कुछ भी नहीं कर सकते थे.
इतना बुरा समय हॉस्टल में बिताने के बाद उन्हें एयर इण्डिया से खेलने का मौका मिला मुंबई में जहाँ पर रैना की मुलाकात भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी प्रवीण आमरे से हुयीं पहली बार. जिसके बाद रैना ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और 2005 में भारतीय टीम के लिए अपना पहला मैच खेला. सबसे अधिक सफलता रैना को आईपीएल शुरू होने के बाद मिली जहाँ पर वह चेन्नई सुपर किंग्स के एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनकर उभरे और उसके बाद उन्होंने 2011 के आईसीस विश्वकप में भी भारतीय टीम के लिए काफी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की.
सुरेश रैना किसी रोल मॉडल से कम नहीं है जो युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा देने का काम करते है और उनके जीवन में आयें इतने बदलाव हर किसी को भावुक होने पर मजबूर कर सकता है लेकिन उन्होंने खुद को पूरे जीवन में काफी शांत रखा.