धोनी की सफलता ने दिनेश कार्तिक को ‘गिरगिट’ बनने पर किया मजबूर, खुद किया खुलासा
कार्तिक ने केन्या में भारत 'ए' दौरे पर धोनी की बल्लेबाजी को याद किया।
अद्यतन - Sep 9, 2025 3:10 pm

पूर्व भारतीय विकेटकीपर-बल्लेबाज दिनेश कार्तिक ने हाल ही में खुलासा किया कि कैसे उनके लंबे समय के साथी और दिग्गज कप्तान एमएस धोनी की सफलता ने उन्हें गिरगिट बनने पर मजबूर किया।
कार्तिक ने बताया कि कैसे धोनी की सफलता ने उनके करियर को प्रभावित किया, जिससे उन्हें प्लेइंग इलेवन में कहीं भी भूमिकाएं तलाशने के लिए प्रेरित किया।
गौरतलब है कि तमिलनाडु में जन्मे कार्तिक ने धोनी से तीन महीने पहले 2004 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था। लेकिन धोनी के मैदान पर आते ही, उन्होंने एक अपरंपरागत तरीका अपना लिया जिससे तुरंत नतीजे मिलने लगे।
कार्तिक ने केन्या में एक ए दौरे को याद किया, जहां टीम के साथी एक ऐसे बल्लेबाज के बारे में बात कर रहे थे जिसके छक्के मारने की तारीफ सर गारफील्ड सोबर्स जैसी ही हो रही थी।
एमएस धोनी की तकनीक बहुत अलग थी: कार्तिक
कार्तिक ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव साउथ 2025 में कहा, “मैंने उन्हें ज्यादा खेलते नहीं देखा था। लेकिन केन्या में उस ‘ए’ सीरीज के दौरान, हर कोई एक खिलाड़ी की चर्चा कर रहा था, क्योंकि वह कुछ नया लेकर आए था।”
“जिस ताकत से वह गेंद को मारता था, लोगों का कहना था कि उन्होंने ऐसा पहले कभी नहीं देखा। कुछ तो उनकी तुलना गैरी सोबर्स से भी कर रहे थे, जो अपने लंबे छक्कों के लिए जाने जाते थे। एमएस धोनी की तकनीक बहुत अलग थी, लेकिन वह गेंद को इतनी जोर से मार रहे थे जितना लोगों ने पहले कभी नहीं देखा था। उस समय यही चर्चा थी।”
कार्तिक ने आगे कहा, “उस समय, भारत राहुल द्रविड़ को विकेटकीपर के रूप में इस्तेमाल कर रहा था। लेकिन द्रविड़ उस मुकाम पर पहुंच गए थे जहां उन्होंने कहा, ‘बॉस, मैं सिर्फ अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान देना चाहता हूं। विकेटकीपिंग करने की कोशिश में मेरा शरीर बहुत मेहनत कर रहा है। इसलिए टीम ने एक अच्छे विकेटकीपर की तलाश शुरू कर दी।”
इस बीच, 40 वर्षीय इस खिलाड़ी ने बार-बार ऐसी भूमिकाएं स्वीकार कीं जिनसे कई लोग कतराते हैं, खासकर छठे या सातवें नंबर पर फिनिशर की भूमिका, यह जिम्मेदारी उन्होंने अपने करियर के आखिरी पांच सालों में बखूबी निभाई।