जान से मारने की धमकी के बाद क्रिकेट छोड़ने वाला यह पाकिस्तानी खिलाड़ी करना चाहता है क्रिकेट में वापसी
अद्यतन - Jan 24, 2019 2:14 pm

विवादास्पद पाकिस्तानी क्रिकेटर ज़ुल्कारनैन हैदर एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी करने के लिए उत्सुक हैं। हैदर ने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच 2010 में खेला था। इस जबरदस्त विकेटकीपर बल्लेबाज ने एक टेस्ट, चार वनडे और तीन टी-20 मैचों में देश का प्रतिनिधित्व किया। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट जब वह तेजी से उभर रहे थे तभी उन्होंने अजीबोगरीब कारण से खेल छोड़ने का फैसला कर लिया।
नवंबर 2010 में, ज़ुल्कारनैन हैदर ने उस समय सुर्खियों में आ गए जब उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज को बीच में अचानक छोड़ दिया। उस समय उन्होंने दावा किया था कि कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने उन्हें जान से मारने धमकी दी है।
उन्होंने आगे बताया कि उन्हें संयुक्त अरब अमीरात में एकदिवसीय श्रृंखला का चौथा मैच हारने के लिए कहा गया था, उस मैच में जबरदस्त खेल दिखाते हुए उन्होंने विजयी रन बनाए। बाद में, उन्होंने तत्काल प्रभाव से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला किया। इसके अलावा, उन्होंने यूनाइटेड किंगडम में शरण भी मांगी लेकिन अंततः आवेदन वापस ले लिया।
पाकिस्तान के लिए फिर खेलना चाहते हैं ज़ुल्कारनैन हैदर : 33 वर्षीय यह खिलाड़ी पहले घरेलू क्रिकेट खेलकर फिर पाकिस्तान टीम में वापसी के लिए तैयार है। अपकी क्षमता को साबित करने के लिए वह ग्रेड -2 क्रिकेट खेलना चाहते हैं।
Meanwhile, another Pakistani wicket-keeper is in the news – Zulqarnain Haider has announced that he has reversed his decision to retire from international cricket
— Saj Sadiq (@SajSadiqCricket) January 23, 2019
वरिष्ठ खेल पत्रकार साज साजिद ने ट्वीट कर कहा, ‘इस बीच, एक और पाकिस्तानी विकेट कीपर खबरों में है। जुल्कारनैन हैदर ने घोषणा की है कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के अपने फैसले को उलट दिया है।‘
ज़ुल्कारनैन ने अपने करियर में मात्र एक ही टेस्ट खेला। 2010 में इंग्लैंड दौरे में कामरान अकमल के साथ दूसरी फिफ्टी होने के बाद, उन्हें बर्मिंघम टेस्ट में मौका मिला। इस टेस्ट की पहली पारी में 0 पर आउट हो गए लेकिन दूसरी पारी में उन्होंने जबरदस्त बल्लेबाजी करते हुए 88 रन बनाए। इस जबरदस्त पारी की मदद से उन्होंने पाकिस्तान को इस मैच में पारी की हार से बचा लिया।